भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा का जन्म 1899 में 28 जनवरी को हुआ था.
के.एम. करियप्पा के बारे में कई ऐसी दिलचस्प बातें हैं, जिन्हें आप शायद न जानते हों...
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आजादी से पहले 1942 में एक यूनिट की कमान संभालने वाले पहले भारतीय अफसर बने के.एम. करियप्पा.
फील्ड मार्शल और बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने कर्नल अयूब खान ने 1946 में उनके तहत काम किया था.
1947 में पाकिस्तान और भारत के बीच सैन्य बंटवारे की कामयाबी के साथ अगुवाई की.
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इसी साल भारत-पाकिस्तान जंग में सुरक्षाबलों की अगुवाई की.
के.एम. करियप्पा को लोग किपर के नाम से पुकारते थे.
करियप्पा सैम मानेकशॉ के अलावा फील्ड मार्शल के ऊंचे दर्जे तक पहुंचने वाले इकलौते भारतीय हैं.
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Indian Army से साल 1953 में रिटायर होने के बाद करियप्पा ने साल 1954 से 1956 तक न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में बतौर हाई कमिश्नर काम किया.
यूनाइटेड किंगडम स्थित Camberly के इंपीरियल डिफेंस कॉलेज में ट्रेनिंग लेने वाले पहले भारतीय थे करियप्पा
यूनाइटेड किंगडम से उन्हें ‘Legion of Merit’ की उपाधि मिली थी.
करियप्पा का साल 1986 में 14 जनवरी को 87 साल की उम्र में देहांत हो गया.