खालिस्तान की मांग को लेकर पैदा हुआ एक संगठन जो दुनिया के कई देशों में आतंकी संगठन की फेहरिस्त में दर्ज है. तमाम सबूत कहते हैं कि तारीख के अंधेरों में यह संगठन कहीं खो गया है, लेकिन आज भी इस संगठन की दहशत थमने का नाम नहीं ले रही. उदाहरण के लिए 31 मई 2019 के दिन पंजाब पुलिस ने दो ऐसे आतंकी पकड़े जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) माड्यूल पर काम करते हैं. फिलहाल पुलिस के लिए ये अभी राज ही है, ठीक वैसे ही इस संगठन की नींव रखने वाले सुखदेव सिंह बब्बर की मौत भी राज ही है.
विदेशी फंडिंग लेकर दहशत फैलाने वाला वो मॉड्यूल आईएसआई समर्थित बीकेआई का है. यह दावा है पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा का जो आज भी बीकेआई के पूरे जाल को तोड़ नहीं पाई है. पुलिस ने कहा कि इनका प्लान राज्य में आतंकी हमले करने का था, जिसे फेल कर दिया गया है. गिरफ्तार आरोपी जगदेव और रवींद्रपाल सिंह को मलेशिया से इशारे पर धन और हथियार मिल रहे थे. कहा जाता है कि दहशतगर्दी की इस पूरी कहानी के पीछे इस संगठन के मुखिया की मौत से जुड़े हैं. आइए जानते हैं कि कौन था वह मुखिया, और क्यों उसकी मौत पर इतने सवाल उठते हैं.
दुनिया भर में यूं फैला BKI इंटरनेशनल
सुखदेव सिंह बब्बर का जन्म 9 अगस्त 1955 को हुआ, और तमाम रिपोर्टस के मुताबिक 1992 को इसी तारीख (9 अगस्त) को उनकी मृत्यु हुई. सुखदेव सिंह बब्बर वो व्यक्ति था जिसने 1980 के दशक में पंजाब में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) की पहचान कायम कर दी. यह पहचान खालिस्तान की मांग उठाकर बनी थी, इसकी स्थापना में उसके साथी तलविंदर सिंह बब्बर और अमरजीत कौर भी शामिल थीं. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बीकेआई का पहला यूनिट 1981 में कनाडा में स्थापित किया गया. यह संगठन संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, नॉर्वे, स्विटजरलैंड और पाकिस्तान में भी मौजूद था.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सुखदेव सिंह बब्बर को बब्बर खालसा इंटरनेशनल के अध्यक्ष के रूप में बताया.
अब तक नहीं सुलझी मौत की गुत्थी
सुखदेव सिंह की मौत के बारे में आज तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है. कहा जाता है कि 9 अगस्त 1992 को उसकी मृत्यु हो गई. इसके पीछे अलग-अलग कारण गिनाए जाते रहे हैं. एक पुष्टि में था कि जब भारी सशस्त्र पुलिसकर्मियों ने अगस्त की शुरुआत में पटियाला के भीड़ भरे शहर में उसे पकड़ा. द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक उसकी मृत्यु की परिस्थितियां विवादित हैं. शुरू में, पुलिस ने कहा कि शहर के बाहर एक मुठभेड़ में उसे मार दिया गया था. बाद में कहा कि वह निहत्थे था और उसने साइनाइड कैप्सूल खाकर आत्महत्या की. एक तीसरी रिपोर्ट कहती है कि उसे पुलिस ने हिरासत में गोली मार दी थी. फिलहाल किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं हुई है.