कोरोना के कारण देशभर में बोर्ड परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं. इसी बीच कई राज्य बोर्ड परीक्षा कराने के पक्ष में हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी बोर्ड परीक्षाएं कराने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं होनी चाहिए. 10th और 12th में एवरेज मार्किंग और प्रमोट कर देने की बात वांछनीय नहीं होती क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे लंबे समय तक बच्चों के लिए प्रासंगिक रहते हैं.
कोरोना पर कुछ और नियंत्रण हो जाए तो परीक्षाएं हों. विशेषज्ञों की राय लेकर एक-डेढ़ महीने आगे की कोई तारीख जरूर घोषित कर दी जाए क्योंकि, सबसे असहज स्थिति बच्चों की है. विद्यार्थी असमंजस की स्थिति में हैं कि परीक्षाएं होंगी या नहीं होंगी. तारीख घोषित करने से विद्यार्थी फिर से फोकस के साथ पढ़ाई शुरू कर सकेंगे. अगर ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा सकें तो वो अच्छी बात है. एक डेढ़ महीने बाद परीक्षाएं लेने की स्थिति बन जाएगी. बिहार बोर्ड ने परीक्षा में विद्यार्थियों के लिए प्रश्नों का विकल्प बढ़ा दिया. पूरे सिलेबस से प्रश्न डालकर आधे प्रश्नों को ही अटेम्प्ट करने के लिए कहा है.
बिहार बोर्ड की सतर्कता और मुस्तैदी के कारण बिहार में समय पर परीक्षाएं ले ली गईं और मार्च के आखिरी और अप्रैल के पहले सप्ताह में 10वीं और 12वीं के नतीजे भी घोषित कर दिए. लेकिन, उसके बाद से ही कोरोना संक्रमण की स्थिति और भीषण होती गई और आज लगभग पूरा देश में लॉकडाउन की स्थिति में है.
बता दें कि सोशल मीडिया पर लगातार CBSE-ICSE और यूपी बोर्ड समेत 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की जा रही थी. इस बीच केंद्रीय शिक्षामंत्री निशंक ने साफ कर दिया कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान एक जून को किया जाएगा.
केंद्रीय शिक्षामंत्री निशंक 01 जून को बताएंगे कि कब से 12वीं की बोर्ड परीक्षा होगी और उसका तरीका क्या होगा. निशंक ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के साथ की परीक्षाओं को आयोजित किया जाएगा. छात्रों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है.