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BPSC Paper Leak मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए BDO जयवर्धन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई की ये कार्रवाई इसलिए मायने रखती है क्योंकि सबसे ज्यादा धांधली वीर सिंह कॉलेज में देखने को मिली थी जहां पर जयवर्धन एग्जाम सेंटर मजिस्ट्रेट थे. उनके अलावा योगेंद्र प्रताप सिंह, सुशील कुमार सिंह और वीर कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है.
ऐसे में जैसे ही आर्थिक अपराध इकाई को उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले, उन्हें सुबह उनके आवास से हिरासत में ले लिया गया. कई घंटों तक उनसे पूछताछ की गई, कई तरह के सवाल हुए और फिर आखिर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अभी भी इस मामले की जांच जारी है और और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
( BDO जयवर्धन गिरफ्तार)
इस मामले की बात करें तो दो दिन पहले बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा राज्यभर में 38 जिलों के 1083 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई थी. तब दोपहर 12 बजे परीक्षा को शुरू होना था और एक घंटे पहले छात्रों को एग्जाम हॉल आने के निर्देश थे. लेकिन परीक्षा शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही सोशल मीडिया पर BPSC पेपर लीक हो गया. बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा का सेट-C का प्रश्नपत्र लीक हुआ.
अब इस मामले के बाद से बिहार सरकार विपक्ष के निशाने पर है. तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर आरोप लगा दिया है कि उन्हें ये तक नहीं पता कि कहां क्या हो रहा है, क्या धांधली हो रही है. अभी के लिए मामले की गंभीरता को समझते हुए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. उस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा. परीक्षा की नई तारीख को लेकर भी कोई ऐलान संभव है.
वैसे बार-बार लीक होते इन पेपर की वजह से हजारों छात्रों का भविष्य असमंजस में आ गया है. कोई काफी गरीबी में रहकर इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था तो कोई अधिकारी बनने के सपने देख रहा था. लेकिन अभी के लिए सब थम गया है और पेपर लीक की वजह से मायूसी छा गई है.