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नहीं रहे नरिंदर सिंह संधू, 1971 की जंग में थी अहम भूमिका

1971 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई को लेकर महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर नरिंदर सिंह संधू (सेवानिवृत) का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है.

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(फोटो साभार- www.gallantryawards.gov.in)
(फोटो साभार- www.gallantryawards.gov.in)

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1971 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई को लेकर महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर नरिंदर सिंह संधू (सेवानिवृत) का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि वो कैंसर से पीड़ित थे और शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके एक बेटा संदीप संधू और एक बेटी मनदीप क्लेर है. उन्होंने 1971 की लड़ाई की वजह से जाना जाता है.

डोगरा रेजिमेंट में जाने से पहले संधू ने 3 कैवलरी और 65 बख्तरबंद रेजिमेंट के साथ भी काम किया था. लेफ्टिनेंट कर्नल रहते हुए उन्होंने 1971 की जंग में 10वीं डोगरा रेजिमेंट का नेतृत्व भी किया था. संधू ने ही पाकिस्तानी सीमा के डेरा बाबा नानक ब्रिज को अधिकार में लेने में अहम भूमिका निभाई दी थी. बता दें कि डेरा बाबा नानक ब्रिज एक सड़क और रेल ब्रिज था जो कि भारतीय कस्बों को पाकिस्तान के सियालकोट और नारोवाल से जोड़ता था.

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1971 की जंग के दौरान पाकिस्तान ने इसके पूर्वी क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया था और यहां बंकर आदि बनाकर इसे वॉर रूम के रुप में तब्दील कर लिया था. बताया जाता है कि इस ब्रिज को अपने कब्जे में लेना भारतीय सेना के लिए काफी मददगार रहा था और इसकी वजह से पाकिस्तान को काफी दिक्कत हुई थी.

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बता दें कि संधू ने साल 1986 में पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था. उन्होंने डेप्यूटी डायरेक्टर जनरल ऑफ द पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थी. रिटायर होने के बाद भी वो सोशल प्लेटफॉर्म पर काफी एक्टिव थे और कई अन्य कार्यक्रमों में भी सक्रिय थे. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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