नई आर्थिक नीतियों ने विदेशों में व्यापार करने के कई दरवाजे खोल दिए हैं, जिससे युवा फॉरेन ट्रेड को चमकदार करियर के रूप में अपना रहे हैं.
भारत की कंपनियां जो विदेशों में काम करती हैं, उन्हें मल्टी-लेटरल और मल्टी-लोकेशन ट्रेड एसोसिएशन से जुड़े, विदेशी व्यापार नियम से जुड़े तथ्यों की जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल्स की मांग फॉरेन ट्रेड वाली कंपनियों में काफी होती है.
इसकी पढ़ाई करने के लिए योग्यता:
किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होने के बाद भी आप इसकी पढ़ाई कर सकते हैं. वहीं, इंटरनेशनल बिजनेस और फॉरेन ट्रेड में मास्टर की डिग्री हासिल करने के लिए आपके पास कॉमर्स स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना एक हद तक जरूरी हो जाता है.
कौन सा काम करना होगा आपको?
आपको एक्सपोर्ट, मार्केट रिसर्च, पैकेजिंग, एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और फॉरेन एक्सचेंज के काम करने होंगे.
काम के अवसर और रोजगार
इस क्षेत्र में आपके पास सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अवसर हैं. सरकारी क्षेत्रों में आप फॉरेन ट्रेड ऑपरेशन्स, मल्टी नेशनल कंपनीज, इंटरनेशनल ट्रेड रेग्यूलेटरी बॉडी में काम कर सकते हैं. वहीं, प्राइवेट सेक्टर के मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी, बैंक, ट्रेडिंग हाउसेज में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.
शुरुआती सैलरी
इस क्षेत्र में आर शुरुआती दौर में 3-6 लाख सलाना पैकेज पा सकते हैं. वहीं, थोड़ा समय गुजारने के बाद आप 10 लाख से 15 लाख तक कमा सकते हैं.
कहां से करें पढ़ाई?
सेंटर फॉर इंटरनेशनल ट्रेड एंड डेवलपमेंट, जेएनयू
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नई दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया