दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले हफ्ते उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की अनुमति दिए जाने के बाद स्टूडेंट्स अब ‘विशेष अवसर’ प्रावधान वापस लाए जाने की भी मांग कर रहे हैं जिससे कि पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निर्धारित समय से अलग अतिरिक्त समय मिल सके.
डीयू छात्र संगठन के अध्यक्ष मोहित नागर ने कहा, ‘विशेष अवसर विकल्प से उन छात्रों को काफी मदद मिलती थी जो बीमारी, सामाजिक-आर्थिक समस्याओं आदि जैसे किसी कारण से निर्धारित अवधि के भीतर अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाते थे.’
डीयू ने 2012 में यह कह कर इस प्रावधान को वापस ले लिया था कि इससे परीक्षा विभाग पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी इसे अवैध करार दिया था.
विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक स्टूडेंट्स को छह साल की अवधि के भीतर स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करना होता है, जबकि स्नातकोत्तर छात्रों को चार साल के भीतर अपना पाठ्यक्रम पूरा करना होता है.
‘विशेष अवसर’ प्रावधान के तहत छात्रों को पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि से अलग अतिरिक्त समय मिल जाता था, लेकिन डीयू ने दो साल पहले इसे खत्म कर दिया था और कहा था कि स्टूडेंट्स को अपना डिग्री पाठ्यक्रम निर्धारित अवधि के भीतर ही पूरा करना होगा.