बिजनेस स्कूलों से पढ़ाई कर निकलने वाले एमबीए स्नातक अब निजी क्षेत्र के बजाय सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. सरकारी कंपनियों के प्रति बढ़ते आकर्षण की मुख्य वजह नौकरी की सुरक्षा, बेहतर संभावनायें और तनाव से मुक्ति है.
उद्योग मंडल एसोचैम (ASSOCHAM) के एक अध्ययन के मुताबिक, दूरसंचार, रीयल एस्टेट, बिजली एवं अन्य ढांचागत क्षेत्र में भले ही मोटी तनख्वाह की पेशकश की जाती है, लेकिन इन जगहों पर तनाव अधिक रहता है जिसके चलते बिजनेस स्कूल के स्नातक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को नौकरी में तरजीह दे रहे हैं.
ASSOCHAM के महासचिव डी.एस. रावत के मुताबिक, आईआईएम से इतर अन्य प्रबंधन संस्थानों से सरकारी कंपनियों में आने वाले स्नातकों की संख्या पिछले साल के मुकाबले इस सीजन में 160 प्रतिशत तक बढ़ी है.
यह अध्ययन एक सर्वेक्षण पर आधारित है जिसे आईआईएम, बिट्स, आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल और सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल बिजनेस सहित विभिन्न प्रबंधन संस्थानों के 500 विद्यार्थियों के बीच कराया गया. यह सर्वेक्षण जून और जुलाई, 2014 के बीच किया गया.
सर्वेक्षण में 65 प्रतिशत लोगों ने निजी क्षेत्र के बजाय सार्वजनिक क्षेत्र में जाने को तरजीह दी.
अध्ययन के मुताबिक, 'सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इस साल नौकरी के लिए मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इस साल इस तरह की नौकरियों के लिए आवेदकों की संख्या 160 प्रतिशत तक बढ़ी है. पिछले एक साल में सार्वजनिक क्षेत्र में प्रबंधन प्रशिक्षु की नौकरी में भी 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.'
ताजा अध्ययन के अनुसार सेल (SAIL) को इस साल विभिन्न बिजनेस स्कूलों से नौकरी के लिये 2.2 लाख आवेदन प्राप्त हुये जो कि पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है. इसी प्रकार ओएनजीसी (ONGC) को 1.5 लाख आवेदन मिले, पिछले साल के मुकाबले यह 120 प्रतिशत अधिक है. इंडियन ऑयल (IOCL) को 98 हजार और एनटीपीसी (NTPC) को 1.2 लाख आवेदन मिले.