भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक की विधानसभा में पेश की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी को क्वॉलिटी एजुकेशन उपलब्ध करवाना था. लेकिन आलम तो यह है कि राज्य में एक सौ 41 स्कूलों में एक भी स्टूडेंट् नहीं था और 12782 स्कूल एक टीचर के भरोसे चल रहे थे.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि 48,285 स्कूलों में खेल के मैदान नहीं थे. 31,677 स्कूलों में लाइब्रेरी नहीं थी और चौदह हजार छह सौ चवालीस स्कूलों में चारदीवारी ही नहीं थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्व शिक्षा अभियान के लागू होने के दस साल के बाद भी राजस्थान में महिला साक्षरता दर राष्ट्रीय साक्षरता दर से कम है. सर्व शिक्षा अभियान 2003 से लेकर दस साल बाद भी राजस्थान में महिला साक्षरता दर 52.1 फीसद थी, जो राष्ट्रीय महिला साक्षरता स्तर 64.6 प्रतिशत से अभी भी कम है. वर्ष 2001 की जनगणना से तुलना करने पर राज्य में महिला साक्षरता में वृद्धि 6.22 फीसद थी जो राष्ट्रीय वृद्धि 10.18 फीसद से भी कम थी.
-इनपुट भाषा से