वर्तमान समय में फिट रहना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि सेहत को लेकर हमारी मानसिकता बदल रही है. आजकल जिम में युवाओं के साथ बच्चे, महिलाएं तथा बुजुर्ग भी एक्सरसाइज के लिए जाने लगे हैं और इन्हें गाइड करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं फिटनेस ट्रेनर:
स्पेशल ट्रेनर: इस क्षेत्र में फिटनेस एक्सपर्ट किसी खास एरिया में एक्सपर्ट होते हैं.
पर्सनल ट्रेनर: पर्सनल ट्रेनर एक बार में एक ही व्यक्ति को ट्रेनिंग देते हैं. व्यक्ति के डायट चार्ट के साथ ही उसकी सेहत, खान-पान और वर्क स्टाइल का भी ख्याल रखते हैं.
जिम ट्रेनर: जिम में एक साथ कई लोगों को अपनी देखरेख में एक्सरसाइज करवाते हैं.
फिटनेस ट्रेनर का काम:
फिटनेस ट्रेनर को फिटनेस, न्यूट्रिशन, वेट मैनेजमेंट, स्ट्रैस रिड्यूशन, हेल्थ रिस्क मैनेजमेंट आदि जैसे विषयों पर ध्यान देना होता है.
योग्यता:
फिटनेस ट्रेनिंग से संबंधित कोर्स के लिए 12वीं पास होना जरूरी है.अगर आप विदेश से फिजिकल ट्रेनर की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो वहां से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के कोर्स कर सकते हैं.
संभावनाएं:
शुरुआती दौर में फिटनेस ट्रेनर को लोगों के बीच अपनी में पहचान बनाना और उनका विश्वास जीतना सबसे बड़ी चुनौती होती है. अगर आपने अपनी पहचान बना ली तो कमाई के अच्छे अवसर मिल सकते हैं. आज लोगों के बीच फिट रहने के लिए एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योगा इंस्ट्रक्टर तथा पर्सनल ट्रेनर की मांग पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है.