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साइकोलॉजी में करियर की संभावनाएं

बदलते लाइफस्‍टाइल के साथ साइकोलॉजी सबजेक्‍ट में करियर बनाने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. साइकोलॉजी ट्रीटमेंट, बिना दवाइयों का सेवन किए और सोच में परिवर्तन लाने पर आधारित होता है.

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बदलते लाइफस्‍टाइल के साथ साइकोलॉजी सबजेक्‍ट में करियर बनाने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. साइकोलॉजी ट्रीटमेंट, बिना दवाइयों का सेवन किए और सोच में परिवर्तन लाने पर आधारित होता है. अगर आप शुरूआत से ही इस फील्‍ड में दिलचस्‍पी रखते हैं तो ये है करियर विकल्‍प.

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कोर्स:
बीए/बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी (3 वर्ष)
एमए/एमएससी इन साइकोलॉजी (2 वर्ष)
पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी (2 वर्ष)

कैसे मिलेगी एंट्री:
बीए या बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी में एडमिशन के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है. इसके अलावा आप पीजी या डिप्लोमा भी कर सकते हैं, जिसके लिए 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी विषय में ग्रेजुएट डिग्री जरूरी है. एमफिल या पीएचडी करने के लिए 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी में पोस्‍ट ग्रेजुएट होना जरूरी है.

ऑप्‍शन :
इस क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है . साइकोलॉजिस्ट्स सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, यूनिवर्सिटी, स्कूलों, सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट इंडस्ट्रीज, रिसर्च आर्गेनाइजेशंस, कॉर्पाेरेट हाउस में रोजगार मिल सकता हैं. साइकोलॉजी में में स्पेशलाइजेशन के अलावा कई नए क्षेत्र सामने आए हैं. आपके लिए इनमें भी काफी अवसर हो सकते हैं.

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कंज्यूमर साइकोलॉजी:
बाजार में कोई भी नया उत्पाद उतारने से पहले कंज्यूमर सर्वे करवाती हैं और उपभोक्ताओं के टेस्ट, जरूरतों, पसंद-नापसंद इत्यादि को परखने का प्रयास इन्हीं विशषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर करने का प्रयास करती हैं.

सोशल साइकोलॉजी:
सामाजिक तनावों को दूर करने के अलावा ये अपराधियों, नशा करने वाले लोगों को मुक्त कराना शामिल है. इनकी सेवाओं का सरकारी समाज कल्याण विभागों, एनजीओ और कई समाज सुधार के कार्यों से जुड़ी एजेंसियों द्वारा लिया जाता है. पारिवारिक झगड़ों, वैवाहिक मामलों तथा अन्य समस्याओं को निपटाने में भी इनकी अहम भूमिका होती है.

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी:
कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया में साइकोलॉजिस्‍ट की भूमिका आम तौर से देखी जा सकती है. इनका कार्य इंटरव्‍यू में आए आवेदकों के बिहेविया, पर्सनालटी और प्रजेंटेशन का आकलन करना होता है.

साइकोलॉजिस्‍ट बनने के लिए जरूरी है:
सफल साइकोलॉजिस्ट्स बनने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, धैर्यशील और सभी उम्र के लोगों के साथ काम करने की कला होनी चाहिए. इसके साथ ही साइकोलॉजिस्ट्स के लिए सेंसिटिव, केयरिंग, आत्मविश्वासी होने के साथ क्लाइंट को संतुष्ट करने की योग्यता भी आवश्यक है.

प्रमुख संस्‍थान:
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी ऐंड अलॉइड साइंसेस, नोएडा
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

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