साइंस और कंप्यूटर ने दुनिया में काफी कुछ बदल दिया और इस बदलाव का परिणाम यह है कि स्टूडेंट्स के पास कई ऐसे कोर्सेज उपलब्ध हैं जिसे करके वे सीधे जॉब हासिल कर सकते हैं. ऐसा ही एक कोर्स है बायोइन्फॉर्मेटिक्स.
जाने क्या है बायोइन्फॉर्मेटिक्स?
बायोइन्फॉर्मेटिक्स कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का एक एप्लीकेशन है. यह इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी से मिलकर बना है. यह एक स्पेशलाइज्ड एरिया है. इसका इस्तेमाल खासतौर पर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में होता है.
कैसे करें पढ़ाई?
साइंस स्ट्रीम से 12 वीं पास करने के बाद बायोइन्फॉर्मेटिक्स में एडमिशन ले सकते हैं. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में इस विषय के साथ आपको माइक्रोबायोलॉजी, फॉर्मेसी, वेटेनरी साइंस, मैथ्स और फिजिक्स भी जानना होगा.
क्या करते हैं बायोइन्फोर्मेटिस्ट?
इस फील्ड में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के जरिए बायोइन्फोर्मेटिस्ट बायोलॉजिकल डेटा का एनालिसिस करते है. इसके साथ ही इनका काम डेटा स्टोरेज करना भी होता है और डेटा को एक-दूसरे से मिलाना भी.
रोजगार के अवसर:
इस फील्ड में पढ़ाई करने के बाद आप स्किवेंस एसेंबलिंग, सिक्वेंस एनालिसिस, क्लीनिकल फार्माकोलॉजिस्ट, कंप्यूटेशनल केमिस्ट्री में करियर बना सकते हैं. इस क्षेत्र में आप डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज, लैंडस्काई सोल्यूशंस, इनजेनोविस जैसी कंपनियों में काम कर सकते हैं. कई निजी मेडिकल और इंस्टीट्यूशंस भी इस क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स को हायर करते हैं. ये रिसर्च करके दवाओं की क्वालिटी सुधारने के लिए भी काम करते हैं.
जरूरी स्किल्स:
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपके पास हमेशा आब्जर्वेशन और जानने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए. इस क्षेत्र में टीम भावना के साथ काम करना भी बहुत मायने रखता है.
कहां से करें पढ़ाई?
बंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, हैदराबाद
दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता