स्टूडेंट लाइफ के बाद जॉब सर्च करना आसान काम नहीं होता है. फिर बात विशेष जरूरत वाले लोगों के लिए तो यह और चुनौती भरा होता है. हाल के वर्षों तक ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के लिए तो रोजगार के मौके होते ही नहीं थे. लेकिन कुछ सालों से जागरुकता बढ़ी है तो ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को भी नौकरी पर रखा जाने लगा है. उचित प्रशिक्षण, मदद और मौकों की बदौलत आज वे लोग भी अपने काम में अच्छा कर रहे हैं. इसके बारे में लेखिका सुरभि वर्मा ने बताए बेस्ट करियर ऑप्शन:
ऑटिज्म से पीड़ित हर व्यक्ति की समस्याएं और उसका बर्ताव अलग होता है. इसी वजह से इसे 'स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर' कहा जाता है. इसलिए एक जैसी ट्रेनिंग से समस्या का हल नहीं होनेवाला है. ऐसा काम चुनना होगा जिससे ऑटिज़्म से पीड़ित व्यक्ति की ताकत का सही इस्तेमाल हो सके. ऐसे लोगों की शॉर्ट टर्म वर्किंग मेमोरी बहुत कमजोर होती है, लेकिन लॉन्ग टर्म मेमोरी सामान्य आदमी की तुलना में काफी अच्छी होती है.
ऑटिज्म के शिकार व्यक्तियों को दो केटेगरी में बांटा जा सकता है, जिसके मुताबिक उनके लिए करियर के विकल्प व रोजगार के अवसर चुने जा सकते हैं. पहली श्रेणी में उन लोगों को रखा जा सकता है जिनके पास देख कर सीखने व सोचने की विशेष क्षमता हो. कुछ लोगों में यह विजुअल स्किल नहीं होती है, पर वे गणित, संगीत आदि से जुड़ी बातें याद रखने में मजबूत होते हैं. नीचे दी गई सूची विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए करियर विकल्प के लिए सलाह के तौर पर देखी जा सकती है.
1. ग्राफिक डिजाइनर/कार्टूनिस्ट: ऑटिज्म से पीड़ित कई लोगों में अच्छी कल्पनाशक्ति और अलग सोचने की काबिलियत रहती है. अगर उन्हें सही वक्त पर उचित मार्गदर्शन मिल जाए तो वे प्रोफेशन में अच्छा कर सकते हैं.
2. फोटोग्राफी: कई लोगों की खासियत होती है कि वे एक काम पर लंबे वक्त तक ध्यान लगा सकते हैं. विशेष जरूरत वाले ऐसे लोगों के लिए फोटोग्राफी अच्छा विकल्प है. IIT मोशन ने ये बातें हमें बताई है.
3. एनिमेशन/वेबपेज डिजाइनिंग: अपनी कल्पनाशीलता के दम पर वे बेहतरीन एनिमेशन तैयार कर सकते हैं, कागज पर भी और कंप्यूटर पर भी. अब कुछ विकल्प उनके लिए जो अच्छे विजुअल थिंकर नहीं हैं, लेकिन गणित, संगीत आदि से जुड़ी चीजें याद रख सकते हैं.
4. कंप्यूटर प्रोग्रामिंग: यह कई तरह के एप्लिकेशन वाला एक बहुआयामी क्षेत्र है. इसमें नए सॉफ्टवेयर विकसित करने, नेटवर्क सिस्टम, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं. अच्छे प्रोग्रामर्स की मांग हमेशा बनी रहती है.
5. स्टैनटिस्टिशियन/मार्केट रिसर्च/एकाउंटिंग: अच्छीे गणितीय क्षमता वालों के लिए इससे जुड़े कई काम हैं. सिसर्च, इंडस्ट्रियल क्वासलिटी कंट्रोल, एकाउंटिंग, सरकार के जनगणना ब्यूणरो आदि में उनके लिए विकल्पम रहते हैं.
6. फिजिसिस्टय/मैथेमैटिसियन/साइंटिफिक रिसर्च: इन नौकरियों में काफी अच्छीक एनालिटिकल व डेटा मैनेजमेंट स्किल की जरूरत होती है. ऑटिज्मट लोगों के लिए जो गणित में काफी अच्छे हैं, यह फील्ड अच्छा है.