केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की किताब से पांच पाठ हटाने का फैसला किया है. नए सेलेबस के अनुसार, बोर्ड ने तीन राजनीतिक अध्ययन और दो पर्यावरण के पाठ हटा दिए हैं. ऐसा नहीं है कि इन अध्यायों की पढ़ाई नहीं करवाई जाएगी, दरअसल इन्हें बोर्ड परीक्षा के सेलेबस से अलग किया गया और अब बोर्ड परीक्षा में इन्हें शामिल नहीं किया जाएगा. बोर्ड की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार, ये पाठ आंतरिक मूल्यांकन का हिस्सा होंगे.
इन पाठों में राजनीतिक अध्ययन के शासन व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक सुधार के समक्ष समस्याओं के संबंध में 'लोकतंत्र की चुनौती', सामाजिक विभेद की राजनीति पर 'लोकतंत्र और विविधता', नेपाल और बोलीविया समेत अन्य स्थानों में संघर्ष विषय पर 'राजनीतिक संघर्ष और आंदोलन' शामिल है. वहीं पर्यावरण के दो अन्य अध्यायों में जैव विविधता, घटते वन, एशियाई चीता और अन्य लुप्तप्राय प्राणियों के बारे में 'वन और वन्य जीव' और जल संरक्षण विषय पर 'जल संसाधन' शामिल हैं.
स्कूलों को भेजे गए नए सिलेबस के साथ लिखा गया है, 'अध्याय का मूल्यांकन समय-समय पर ली जानी वाली परीक्षाओं में होगा, लेकिन बोर्ड की परीक्षा में इसका मूल्यांकन नहीं होगा. बोर्ड ने पिछले महीने स्कूलों को एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि वह अपने मूल्यांकन पैटर्न को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना चाहता है, क्योंकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2021 में अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (पीआईएसए) में हिस्सा लेने का फैसला किया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्ड अब परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव कर सकता है. बताया जा रहा है कि परीक्षा में अब कम नंबर के ज्यादा सवाल शामिल किए जाएंगे.बोर्ड परीक्षा को आसान बनाने के लिए यह फैसला कर सकता है ताकि विद्यार्थी परीक्षा में ज्यादा अंक हासिल कर सके.
इससे पहले केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में बदलाव का फैसला किया था. सरकार ने एनसीईआरटी की कक्षा 9 की इतिहास की किताब से जातिगत संघर्ष से जुड़े कुछ पाठ हटाने का फैसला किया है. सरकार की ओर से यह फैसला सेलेबेस को तार्किक आधार पर सही बनाने की कवायद में लिया था.