CBSE की ओर से 10वीं और 12वीं के बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों को लंच ब्रेक का समय दिया जाएगा. पर यह ब्रेक सिर्फ टाइप-1 डायबिटिक छात्रों के लिए ही होगा. डायबिटिक छात्र परीक्षा के दौरान 1 घंटे या 90 मिनट की अवधि के बाद कुछ खा सकते हैं.
सीबीएसई जल्द ही इस बात की सूचना जारी कर देगा.
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बता दें कि टाइप 1 डायबिटिक मरीज, शुगर लेवल बैलेंस करने के लिए दो से चार घंटे के लिए इंसूलिन पर निर्भर होते हैं. उन्हें सलाह दी जाती है कि कुछ खाने पीने के बीच ज्यादा लंबे समय का अंतराल ना हो. शुगर का लेवल कम होने पर सर दर्द और चिड़चिड़ापन, बेचैनी और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है.
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दरअसल, अमेरिकी स्कूलों में परीक्षा के दौरान डायबिटिक छात्रों को लंच ब्रेक देने की व्यवस्था पहले चली आ रही है. CBSE इससे प्रभावित होकर भारत में भी यह नियम लागू करना चाहता है.
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CBSE के अध्यक्ष, आर के चतुर्वेदी के मुताबिक इस पर काम शुरू कर दिया गया है और हो सकता है अगले सप्ताह इस संबंध में विस्तृत सर्कुलर जारी कर दिया जाए.
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CBSE की ओर से इस मसले पर दिल्ली डायबिटिक्स रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक के प्रयास के बाद ध्यान दिया. डॉ. अशोक के मुताबिक जो छात्र इस रोग से पीड़ित हैं, वो सुबह करीब साढ़े 8 बजे तक इंसुलिन लेता है. परीक्षा 10 बजे से शुरू होती है और 11 बजे से छात्र का शुगर लेवल डाउन होना शुरू हो जाता है.
बता दें कि भारत में करीब 4 लाख छात्र डायबिटिक हैं, इनमें से 14000 छात्र एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं.