केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक का मामला सुर्खियों में है और क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है. वहीं इस पूरे मामले में व्हीसल ब्लोअर भी एक 16 साल का छात्र है, जो खुद 10वीं कक्षा की परीक्षा में भाग ले रहा है और उसने सबसे पहले बोर्ड के चेयरपर्सन को गणित के पेपर लीक की जानकारी दी थी. यह छात्र पश्चिमी दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ाई करता है और बताया जा रहा है कि उसने सबसे पहले जानकारी बोर्ड तक पहुंचाई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार सीबीएसई चेयरपर्सन अनिता करवाल को 28 मार्च को हुई परीक्षा से कई घंटे पहले रात 1.39 बजे आधिकारिक मेल पर एक शिकायत मिली थी. इसमें बताया था कि वॉट्सएप पर पेपर लीक हो गया है. इस छात्र ने अपने पिता की आईडी से एक मेल करते हुए यह जानकारी दी और पेपर को रद्द करने की मांग की.
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परीक्षा के आयोजन के बाद बोर्ड ने पुलिस की इसकी जानकारी दी. उसके बाद क्राइम ब्रांच ने 28 मार्च को रात 8 बजे इस मामले में एफआईआर दर्ज की और यह एफआईआर बोर्ड को आए इस मेल के आधार पर दर्ज की गई थी. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में गूगल से मदद मांगी है, ताकि उस छात्र की पहचान की जाए. हालांकि एचटी की रिपोर्ट में दावा किया है कि उस छात्र के पिता दिल्ली क्लब में काम करते हैं और उन्होंने कंफर्म किया है कि उनके बेटे ने ही सीबीएसई को इस मामले की जानकारी दी थी.
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उन्होंने बताया कि मेरे बेटे को वॉट्सएप पर किसी ने गणित का पेपर भेजा था. इससे वो परेशान था और उसने मुझे बताया कि वो सीबीएसई को सूचना देंगे और परीक्षा रद्द हो. उनके बेटे ने मेल में वायरल पेपर भी अटैच किया था और यह मेल 28 मार्च सुबह तक नहीं देखा गया था और तब तक बहुत देरी हो चुकी थी. उन्होंने ये भी बताया कि हम पुलिस का साथ देने के लिए तैयार हैं और उनके बेटे ने बताया कि उसने मेल के लिए उनका ही फोन इस्तेमाल किया था.