सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने दक्षिण भारत में क्लास 9 की सोशल साइंस टेक्स्टबुक से कुछ लाइनों को हटाने का फैसला किया है. ये लाइनें नादर कम्युनिटी से संबंधित हैं.
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इन्ाके बारे में हिस्ट्री की किताब में चैप्टर 8 में लिखा गया है. इस चैप्टर में 'अपर क्लॉथ रिवोल्ट' से संबंधित कुछ लाइनों में इनका जिक्र है. अब सीबीएसई ने इन्हें हटाने का फैसला किया है. यह फैसला इस समुदाय द्वारा इस टेक्स्ट पर ऐतराज जताए जाने के बाद लिया गया है.
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गौरतलब है कि CBSE और अन्य स्टेट बोर्ड वर्ष 2006-07 से नेशनल कांउसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च यानी NCERT द्वारा छापी गई टेक्स्टबुक्स को फॉलो करते हैं. दरअसल Caste Conflict and Dress Change नामक इस सेक्शन में पुरातन भारत में भोजन और ड्रेस से संबंधित नियमों के बारे में बताया गया है.
अब एक सर्कुलर जारी कर 19 हजार स्कूलों को CBSE ने कहा है, 'इसे करिकुलम से हटाया जाए और इससे संबंधित कोई भी प्रश्न 2017 परीक्षाओं में ना पूछा जाए.' NCERT के डायरेक्टर ने कहा कि इस पेराग्राफ पर पहले ही कुछ पार्टियों के MP एतराज जता चुके थे.
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गौरतलब है कि AIADMK काफी समय से इसे हटाने की मांग करता रहा है. जयललिता ने भी इस अध्याय के कुछ भागों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसके बाद इसमें से कुछ लाइनें हटाई गई थीं.
दरअसल इस चैप्टर में बताया गया था कि नादर, निचली जाति के लोग होते थे और वे अपने शरीर के उपरी हिस्से को नहीं ढका करते थे. बाद में इस समुदाय की औरतों ने ये हक पाने के लिए काफी संघर्ष किया था.