मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी सीबीएसई कैंसर से पीड़ित रौनक का रिजल्ट अभी तक जारी नहीं की है. रौनक ग्वालियर से 10वीं की छात्रा हैं.
कैंसर का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग यह मान लेते हैं कि हमारी जिंदगी खत्म हो गई है लेकिन इस इससे लड़ने के साथ ही रौनक अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर हैं. वह सीबीएसई से अपने 10वीं के रिजल्ट का मामला कोर्ट तक ले गई हैं.
जानिए क्या है मामला?
रौनक का इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में चल रहा है. उन्हें कीमोथैरेपी कराने के लिए मुंबई जाना होता है. 2014 में एसए वन (समेटिव असेस्मेंट) का आयोजन सितंबर 2015 में किया गया था. इस परीक्षा में रौनक उपस्थित थीं और उन्हें 90 फीसदी अंक भी मिले थे. मार्च 2015 में एसए टू का आयोजन हुआ, जिसमें वह कीमोथैरेपी के कारण हिस्सा नहीं ले पाईं.
बाद में जब सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित की गई तो उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर परीक्षा दी. लेकिन उनका रिजल्ट अब तक नहीं आ पाया है. इस बारे में बोर्ड का कहना है कि वह परीक्षा में अनुपस्थित थीं और सप्लीमेंट्री परीक्षा देने के योग्य नहीं थीं. बोर्ड के अनुसार केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य ने नियम के हिसाब से रौनक के स्पेशल एग्जाम के लिए अजमेर रीजनल ऑफिस से परमिशन नहीं ली थी.
बोर्ड की इस बात को लेकर रौनक के पेरेंट्स ग्वालियर हाईकोर्ट गए. 23 फरवरी को कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर बोर्ड को रिजल्ट जारी करने को कहा था. कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर बोर्ड हाइपर टेक्निकल रुख अपना रहा है. जिंदा रहने के लिए रौनक को कीमोथेरेपी करवाना जरूरी था. कोर्ट का कहना है कि जब स्कूल ने जुलाई वाली परीक्षा देने के लिए रौनक को इजाजत दे दी थी तो बोर्ड उसे रिजल्ट देने से कैसे इंकार कर सकता है. रिजल्ट जारी करने के लिए रौनक ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी से भी गुहार लगाई है.