सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने कहा है कि 10वीं- 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा हॉल में देरी से आने पर एंट्री नहीं दी जाएगी. इसके लिए सीबीएसई ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए ये फैसला लिया है. साल 2019 में होने वाली बोर्ड परीक्षा पर ये लागू किया जाएगा.
सीबीएसई ने साफ तौर से कहा है देरी से आने वाले छात्रों का कोई बहाना नहीं सुना जाएगा. चाहे वह ट्रैफिक में फंसे हो या फिर कोई और कारण हो. जो छात्र देरी से आएंगे उन्हें परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी. सभी छात्रों को 10:15 तक हर हाल में परीक्षा हॉल में पहुंचना होगा.
बता दें, इस फैसले के पीछे का मकसद नकल को रोकना और परीक्षा को ज्यादा सुरक्षित बनाना है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इनक्रिप्टेड प्रश्न-पत्र और इस तरह के कदमों का उद्देश्य इस परीक्षा को और सुरक्षित करना है ताकि इस साल की तरह पेपर लीक और नकल की कोई गुंजाइश न हो.
अभी परीक्षा हॉल 9.30 पर खुल जाता है. जिसके बाद 10.15 तक छात्रों को प्रश्न-पत्र बांट दिए जाते थे. वहीं 15 मीनट छात्रों को प्रश्न-पत्र पढ़ने का समय दिया जाता है. जिसके बाद परीक्षा 10: 30 बजे शुरू की जाती है. वहीं मार्च- अप्रैल तक परीक्षा हॉल में लेट एंट्री की अनुमति 11 बजे तक थी और इमरजेंसी एंट्री 11: 15 तक थी.
आपको बता दें, सीबीएसई की ओर से आयोजित CAT, JEE और NEET की परीक्षा के लिए एक समय तय किय जाता है. जिसे हर छात्र को फॉलो करना जरूरी है वहीं इन परीक्षाओं में देरी से एंट्री करने वालों को परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति नहीं दी जाती है. सीबीएसई के अनुसार अब परीक्षा में एंट्री को लेकर जो समय तय किया जाएगा उसके बाद किसी भी हाल में एंट्री नहीं दी जाएगी. बता दें, जल्द ही इस पर एक सर्कूलर भी जारी कर दिया जाएगा.
बता दें, 10वीं-12वीं के पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई ने प्रश्न-पत्रों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है. अगले साल होने वाली परीक्षा में इनक्रिप्टेड प्रश्न-पत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें. ये प्रश्न पत्र परीक्षा से 30 मिनट पहले ईमेल के जरिए भेज दिए जाएंगे.