केंद्र सरकार भले ही देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने और मुफ्त शिक्षा को लेकर काम करने का दावा कर रही हो, लेकिन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े कुछ अलग तस्वीर पेश कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 का दायरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सरकार की ओर से जारी किए गए दस्तावेज के अनुसार अनिवार्य शिक्षा का दायरा बढ़ाकर नर्सरी से माध्यमिक करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इस उद्देश्य के लिए केंद्र की ओर से प्रायोजित तीन योजनाओं का विलय किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
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बहरहाल, इस साल बजट में की गई घोषणा के अनुसार नर्सरी से कक्षा 12वीं तक बिना भेदभाव के स्कूल और शिक्षा को समग्र रूप से लेने के लिए शिक्षा विभाग ने एक समन्वित योजना तैयार की है. मंत्री ने कहा कि इस योजना को सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा योजना को मिलाकर बनाया गया है.
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बता दें कि राइट टू एजुकेशन 2009 के अनुसार सभी बच्चों को नर्सरी कक्षा से 8वीं कक्षा तक फ्री और अनिवार्य शिक्षा लेने का अधिकार है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार भी 12वीं तक फ्री शिक्षा का प्रस्ताव ला सकती है.