मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के भीतर वैश्विक स्तर के 20 संस्थान स्थापित करने के लिए ड्राफ्ट जारी किए हैं. मंत्रालय इसके बाबत जनता से भी राय ले रही है. वे 10 संस्थान पब्लिक तो वहीं 10 संस्थान प्राइवेट सेक्टर में स्थापित करेंगे. वे इन संस्थानों को वैश्विक स्तर का बनाएंगे.
ड्राफ्ट रेगुलेशन पर ध्यान दें तो प्राइवेट संस्थानों के लिए कई कड़ें मानक तय किए गए हैं. वर्तमान की डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा स्पांसरिंग ऑर्गनाइजेशन को 'नॉट फॉर प्रॉफिट' सोसाइटी, पब्लिक ट्रस्ट या फिर कम्पनीज एक्ट, 2013 के अंतर्गत बनाई गई कंपनी होना चाहिए. स्पॉन्सर करने वाले ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों का टोटल आय 8,000 करोड़ होनी चाहिए, जिसमें 1 सदस्य की आय 2,000 करोड़ होना चाहिए.
इन स्पॉन्सर करने वाले संगठनों को यदि इन मानकों में कोई बदलाव करवाने हैं तो फिर उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय और कमिटी से परमिशन लेनी होगी. 10 पब्लिक वैश्विक स्तर के संस्थानों को आगे के पांच सालों में 500 करोड़ की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.
वैश्विक स्तर के इन संस्थानों को ड्राफ्ट रूल के अनुसार मल्टी-डिसिप्लिनरी होना होगा. वहां की टीचिंग फैकल्टी और रिसर्च का पैमाना भी बहुत ऊपर होना होगा. वहां देश और विदेश के स्टूडेंट्स को शामिल करना होगा. वे विदेश से 30 फीसदी स्टूडेंट्स को शामिल कर सकेंगे.
वे विदेशी स्टूडेंट्स से ऊंची फीस वसूलने के लिए स्वतंत्र होंगे लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि देश के स्टूडेंट्स आर्थिकी की वजह से बाहर न हो जाएं.