सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यूनिवर्सिटीज के लिए ग्रेडिंग सिस्टम फ्रेम करने को कहा है. कोर्ट ने ग्रेडिंग की प्रक्रिया और क्राइटिरिया को तीन महीने में पूरा करने का आदेश भी दिया है.
इस बारे में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस दीपक मिश्रा और विक्रमजीत सेन की बेंच को बताया कि सरकार यूजीसी, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन और एनएएसी से ग्रेडिंग के क्राइटिरिया पर सलाह ले रही है.
आपको बता दें कि ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर केंद्र के इस कदम का एक प्राइवेट डीम्ड यूनिवर्सिटी ने विरोध किया था और कहा था कि सरकार किसी भी तरह का क्राइटिरिया नहीं बना सकी है. क्योंकि इस तरह का कोई नियम ही नहीं है. प्राइवेट यूनिवर्सिटी की दलीलों को सुनकर कोर्ट ने सरकार को उनके इस ऑब्जेक्शन पर 3 सप्ताह में जवाब देने को कहा है.
इसी बीच यूजीसी ने बेंच से यह भी कहा है कि कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार 8 यूनिवर्सिटीज की जांच की गई जिसमें पाया गया है कि ये यूनिवर्सिटीज घाटे में चल रही हैं. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि इसलिए यूजीसी ने 7 यूनिवर्सिटीज को फैकल्टी और इंफ्रास्टक्चर की तरह का घाटा पूरा करने के लिए एक साल का समय दिया है. कोर्ट ने यूजीसी से इन सभी यूनिवर्सिटीज के निरीक्षण करने का आदेश दिया है.