शतरंज की दुनिया को जीतकर उसे हिंदुस्तान के कदमों में रखने वाले विश्वनाथन आनंद इस खेल के बेताज बादशाह कहे जाते हैं. जानिए कैसे हैं आनंद...
उन्हें प्यार से लोग 'विशी' कहकर बुलाते हैं.
आनंद जब किशोर अवस्था में थे तो उन्हें 'लाइटनिंग किड' कहा जाता था.
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आनंद कहते हैं, 'आज तक खेला हरेक मैच मेरे लिए सबसे ज्यादा अहम रहा है.'
1987 में 17 साल की उम्र में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतकर यह कारनामा करने वाले वे पहले एशियाई बने.
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21 महीनों तक लगातार दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रहे हैं. जो मियाद के मामले में छठा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.
1991 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजे गए पहले खिलाड़ी हैं. 2007 में पद्मविभूषण पाने वाले पहले खिलाड़ी हैं.
2002 और 2007-13 के बीच वर्ल्ड चैंपियन रहे हैं.