छत्तीसगढ़ का पहला आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) भिलाई में खुलेगा. इसके लिए केंद्र सरकार के साथ हुए अनुबंध पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव ने हस्ताक्षर किए. आईआईटी के लिए भिलाई स्थित कुटेलाभाठा की जमीन का चयन किया गया है. अब यह तय हो गया है कि कुटेलाभाठा व आस-पास की करीब 525 एकड़ जमीन पर आईआईटी का स्थाई कैम्पस बनेगा.
छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि बजट सत्र में घोषित नए आईआईटी को लेकर मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भवन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नेतृत्व में बैठक हुई. इसमें छत्तीसगढ़ से मुख्य सचिव विवेक ढांढ, तकनीकी शिक्षा सचिव रेणु पिल्ले व दुर्ग कलेक्टर आर शंगीता शामिल हुईं.
मंत्री पांडेय ने बताया कि बैठक में दुर्ग कलेक्टर ने प्रदेश में आईआईटी के लिए भिलाई में 525 एकड़ जमीन का प्रस्ताव रखा. इसमें कुटेलाभाठा में 325, सिरसा में 120 व अरसनारा में 80 एकड़ जमीन शामिल है. इसी जमीन को एमएचआरडी की हाईपावर कमेटी ने 25 सितंबर 2015 को देखा था. थोड़ी देर चर्चा के बाद एमएचआरडी ने भिलाई की जमीन पर मंजूरी दे दी.
कैबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आईआईटी का संचालन सत्र 2016-17 से शुरू होगा. शुरुआती दौर में विभिन्न ब्रांच की 180 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. इसके तहत भिलाई में स्थाई कैम्पस बनने तक आईआईटी का अस्थाई संचालन न्यू जीईसी (गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज), रायपुर के बी ब्लॉक में किया जाएगा.