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छत्तीसगढ़ः 10वीं के स्टूडेंट्स को थमा दिए 12वीं के पेपर, अब बवाल

16 अप्रैल को 10वीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा केंद्र के अध्यक्ष ने 12वीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर थमा दिया. यह घटना दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा गांव के सरकारी स्कूल की बताई जा रही है. 12वीं कक्षा का अंग्रेजी का यह पेपर 19 अप्रैल को होना था. इस मामले के सामने आने के बाद से ओपन स्कूल के हजारों छात्र सकते में हैं.

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परीक्षा केंद्र जहां से पेपर आउट हुआ
परीक्षा केंद्र जहां से पेपर आउट हुआ

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छत्तीसगढ़ में परीक्षा केंद्र के अध्यक्ष की लापरवाही से ओपन स्कूल की 12वीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर आउट हो गया. दंतेवाड़ा के एक सरकारी स्कूल में हुई इस लापरवाही ने हजारों छात्रों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है. दरअसल, 16 अप्रैल को 10वीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा केंद्र के अध्यक्ष ने 12वीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर थमा दिया. यह घटना दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा गांव के सरकारी स्कूल की बताई जा रही है. पेपर आउट होने की सूचना गांव से लेकर आस-पास के शहरों तक पहुंच गई.

12वीं कक्षा का अंग्रेजी का यह पेपर 19 अप्रैल को होना था. इस मामले के सामने आने के बाद से ओपन स्कूल के हजारों छात्र सकते में हैं. फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि इसकी परीक्षा 19 अप्रैल  को अपने निर्धारित समय पर होगी या फिर निरस्त हो जाएगी. इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है. दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर सौरव कुमार ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

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दरअसल, मंगलवार को कुआकोंडा के सरकारी स्कूल में ओपन स्कूल की 10वीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की परीक्षा देने के लिए 124 विद्यार्थी पहुंचे थे. परीक्षा केंद्र के अध्यक्ष ने प्रश्न पत्र का बंडल बैगेर देखे सहायक केंद्र अध्यक्ष को सौप दिया. बताया जा रहा है कि प्रश्न पत्र का यह बंडल 10वीं कक्षा के बजाय 12वीं कक्षा का था. सहायक केंद्र अध्यक्ष ने भी प्रश्न पत्र का बंडल बैगेर पड़ताल किए शिक्षकों को दे दिया. इसके बाद शिक्षकों ने फौरन विद्यार्थियों के बीच प्रश्न पत्र वितरित कर दिए.

दिलचस्प बात यह है कि परीक्षार्थिओं ने प्रश्न पत्र हल करना भी शुरू कर दिया. वो दो ढाई घंटे तक माथापच्ची करते रहे, क्योंकि प्रश्न पत्र का कोई भी सवाल उनके पाठ्यक्रम से मेल नहीं खा रहा था. फिर भी जैसा बना, उन्होंने पर्चा हल किया. इसी बीच कुछ छात्रों ने प्रश्न पत्र के ऊपरी हिस्से पर गौर किया, जहां कक्षा 12 लिखा था. यह देखने के बाद सभी छात्र सकते में आ गए. उन्होंने फौरन इसकी सूचना शिक्षकों को दी. शिक्षकों ने जब पर्चा देखा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत केंद्र अध्यक्ष को इससे अवगत कराया. जब प्रश्न पत्र के बंडलों की पड़ताल की गई, तब पता चला कि कोड नंबर 201 की जगह कोड नंबर 301 का बंडल वितरित हो गया है.

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इस मामले के बाद 10वीं कक्षा के सभी 124 विद्यार्थियों का भविष्य भी दांव पर लग गया. इन छात्रों ने कक्षा 10 की बजाय कक्षा 12 कक्षा का प्रश्न पत्र हल कर दिया. दूसरी ओर कक्षा 12 के हजारों छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई. वो इस बात को लेकर आशंकित है कि कहीं 19 तारीख को आयोजित अंग्रेजी की परीक्षा स्थगित न हो जाए. रायपुर स्थित ओपन स्कूल के परीक्षा प्रभारी एके साहू के मुताबिक मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र के तीन सेट मौजूद हैं. फिलहाल अधिकृत रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि 10वीं और 12वीं के दोनों विषयों के परीक्षार्थिओं के हित में क्या कदम उठाए जाए?

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