scorecardresearch
 

बाल मजदूरी कानून में संशोधन हुआ तो होगा ये

केंद्र की मोदी सरकार अगर बाल मज़दूरी कानून में नए संशोधन का प्रस्ताव लाती है तो जानिए आखिर क्या होगा देश के लाखों बच्चों का भविष्य?

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

केंद्र की मोदी सरकार अगर बाल मज़दूरी कानून में नए संशोधन का प्रस्ताव लाती है तो जानिए आखिर क्या होगा देश के लाखों बच्चों का भविष्य?

Advertisement

1. स्कूल से पहले या बाद के समय, 14 साल तक के बच्चे अपने परिवार के साथ खेत, जंगल, घर और मनोरजंन के क्षेत्र में हाथ बंटा सकते हैं.

अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे बच्चों की तादाद
1. कृ‌षि: 69.5%
2. उद्योग: 17.5%
3. सेवा क्षेत्र: 13%
 * घरों में काम करने वाले 5 से 14 साल तक के बच्चों को मिलाकर.

भारत में 63.5% लड़कियां बीच में ही स्कूली पढ़ाई छोड़ देती हैं.
1. शिक्षा के अधिकार पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा, जहां 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा पाने का अधिकार है.
2. भारत में 63.5% लड़कियां बीच में ही स्कूली पढ़ाई छोड़ देती हैं.
3. लड़कियों के स्कूल छोड़ने के पीछे का सबसे बड़ा कारण घरेलू काम होता है.
* स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय

2011 में युवाओं में "गैर-श्रमिकों" का अनुपात करीब 40% था
1.
ज़्यादातर बाल मज़दूर बिना किसी कौशल, हाथ का काम सीखते हैं. इसी कारण जवानी तक उन्हें कम मज़दूरी या बेरोजगारी में ज़िंदगी बितानी पड़ती है.
2. 2011 में युवाओं में "गैर-श्रमिकों" का अनुपात करीब 40% था.
3. इनमें से 60.5% गैर श्रमिक घरेलू काम या दूसरों पर आश्रित थे.

Advertisement

उद्योग क्षेत्र में एक बाल मजदूर 10 रुपए प्रति घंटा कमाता है.
1. 18 साल से कम उम्र के बच्चे, बाल मज़दूरी कानून के तहत नहीं आएंगे तो इसका लाभ उठाकर मालिक, दुर्घटना के समय अपना पल्ला झाड़ सकता है.
2. आमतौर पर मज़दूरी के लिए बच्चे पहली पसंद होते हैं क्योंकि वह सस्ते में उपलब्ध होते हैं. उद्योग क्षेत्र में एक बाल मजदूर 10 रुपए प्रति घंटा कमाता है.
3. इस कानून का फायदा उठाकर कोई भी संस्था बाल 'पारिवारिक व्यापार' के नाम बाल मज़दूरी को बढ़ावा दे सकती है.

सौजन्य: NEWS FLICKS

Advertisement
Advertisement