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बच्चों में बढ़ा टैबलेट पर ई-बुक पढ़ने का चलन

बच्चों में ई माध्यम से पुस्तक पढ़ने का चलन तेजी से बढ़ रहा है और टैबलेट इनकी पहली पसंद बन गया है, जहां वे अपनी सुविधानुसार विषयों को पढ़ सकते हैं.

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बच्चों में ई माध्यम से पुस्तक पढ़ने का चलन तेजी से बढ़ रहा है और टैबलेट इनकी पहली पसंद बन गया है, जहां वे अपनी सुविधानुसार विषयों को पढ़ सकते हैं.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों की नई पसंद और आधुनिक प्रौद्योगिकी की पहुंच को ध्यान में रखते हुए सस्ता टैबलेट आकाश पेश किया है. इस क्षेत्र में कई कंपनियों के उतरने से छात्रों को सस्ती ई सामग्री सुलभ होने की संभावना बढ़ गई है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आकाश पर एनसीईआरटी, एनबीटी की पुस्तकों समेत अन्य शैक्षणिक सामग्री डाली जा रही है, जिसके लिए अब तक छात्रों को गूगल, यूट्यूब का सहारा लेना पड़ता था.

सूचना संचार प्रौद्योगिकी के जरिये राष्ट्रीय उच्च शिक्षा कार्यक्रम (एनएमईआईसीटी) के तहत आकाश के नये संस्करण में ऐसा साफ्टवेयर जोड़ा गया है जिससे छात्र आनलाइन एवं आफलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. ई शैक्षणिक सेवा के क्षेत्र में अमेजन का प्रमुख स्थान है और इस बाजार में कई अन्य कंपनियां भी उतर रही हैं. शैक्षिक सेवा प्रदाता कंपनी अटानो, पियर्सन पब्लिशर्स और लक्ष्मी पब्लिशर्स ने आपस में सहयोग करके ‘चैप्टरबाई’ सेवा पेश की है.

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अटानो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्य बनर्जी ने कहा कि हमने ऐसी ई बुक सामग्री तैयार की है, जहां छात्र न केवल अपनी पसंद का चैप्टर खरीद सकेंगे बल्कि वह अपने पढ़े हुए पाठ के बारे में वहीं तत्काल परीक्षा दे पायेंगे और परिणाम प्राप्त कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि चैप्टरबाई के तहत इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, विज्ञान और कामर्स संकाय के छात्र इस सेवा के तहत चैप्टर खरीद सकते हैं. छात्र हजारों की संख्या में उपलब्ध टाइटल एवं चैप्टर में से अपनी पसंद का चैप्टर चुन सकते हैं.

नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के निदेशक एम ए सिकंदर ने कहा कि शहरों में जीवनशैली तेजी से बदल रही है लेकिन इसके बावजूद बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत कम नहीं हुई है. हालांकि अब बच्चे ई माध्यम से पुस्तक पढ़ने में अधिक रूचि दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुस्तकों को ई माध्यम से पेश करने के संदर्भ में हमने सस्ते टैबलेट आकाश के जरिये किताब पेश करने की योजना बनाई है. इस पहल के लिए हमारी कई मंत्रालयों से बात भी हुई है. वहीं, आकाश पर स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से 18 भाषाओं में बच्चों को पठन पाठन की सुविधा प्रदान की गई है.

ई बुक पाठकों के लिए आकाश पुस्तक के जरिये एनसीईआरटी की 5000 किताबों को आकाश पर डाला जा रहा है, ताकि स्कूली शिक्षा में इसका लाभ उठाया जा सके. इस पहल के तहत एनसीईआरटी कई पुस्तकों को आकाश पर लोड कर दिया गया है.

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पियर्सन एजुकेशन के उपाध्यक्ष के श्रीनिवास ने कहा कि पियर्सन ऐसी ई सामग्री तैयार कर रहा है, जिसके माध्यम से छात्र अपनी पसंद के पाठ चुन सकते हैं और उसे खरीद सकते हैं. इसके लिए उन्हें पूरी ई पुस्तक खरीदने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसे एंड्राएड, आईपैड और विंडो उपकरणों से डाउनलोड किया जा सकता है. एक बार डाउनलोड होने के बाइ इसे आफलाइन माध्यम से भी देखा और पढ़ा जा सकता है.

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