फोर्ब्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उनकी संपत्ति 8 बिलियन डॉलर यानी 50 हजार करोड़ से ज्यादा की है. लेकिन छुनफेई के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था. उन्हें बिजनेस कंपनी विरासत में नहीं मिली थी बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत के बदौलत कंपनी बनाई थी.
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उनकी सफलता किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी की तरह ही है जिसकी हिरोइन का जन्म गांव के गरीब परिवार में हुआ था. छुनफेई चीन के हुनान प्रांत स्थित छोटे से गांव में पैदा हुई थीं, लेकिन गांव में रोजगार के मौके नहीं मिलने के कारण कई अन्य युवाओं की तरह उन्होंने भी गांव छोड़ा और नौकरी की तलाश में दक्षिणी शहर शेनझेण चली गईं.
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वहां उन्होंने नौकरी की शुरुआत एक फैक्ट्री में घड़ियों के ग्लास बनाने से की. उनकी मेहनत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होने अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी 'बाई एन' में भी काम किया है.
2003 में उन्होंने खुद की कंपनी स्थापित की, जिसमें फिलहाल 60,000 लोग काम कर रहे हैं और इसकी 10 सह कंपनियां भी है. छुनफेई के पास अपने फर्म के 89 फीसदी शोयर हैं. उनकी कंपनी 'लैंस टेक्नोलॉजी' एप्पल, सैमसंग और दूसरी कई बड़ी कंपनियों को टचस्क्रीन ग्लास सप्लाई करती है. उनकी कंपनी की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद उन्हें क्वीन ऑफ मोबाइल फोन्स ग्लास कहा जाता है.
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उनकी कंपनी ने मोबाइल, टैबलेट, कंप्यूटर, कैमरा और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद में उपयोग होने वाले टच सेंसेटिव ग्लास के 21 फीसदी मार्केट पर अपना कब्जा बनाया हुआ है. 2013 में उनकी कंपनी ने 476 बिलियन ग्लास बेचे, जिनमें से 451 मिलियन मोबाइल फोन्स के लिए, 25.5 मिलियन कंप्यूटर के लिए थे. मार्केट में इस तरह की बड़ी सफलता के लिए वो इसका श्रेय मेहनत और काबिलियत को देती हैं.