'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है...मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा देने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता बाल गंगाधर तिलक के अपमान का मामला सामने आया है. दरअसल राजस्थान के स्कूलों में कक्षा 8वीं में पढ़ाई जाने वाली अंग्रेजी की सामाजिक विज्ञान की किताब में उन्हें 'आतंक का जनक' (फादर ऑफ टेररिज्म) बताया गया है. सोशल मीडिया पर इसकी निंदा करते हुए लोग कह रहे हैं कि छात्रों को गलत शिक्षा दी जा रही है.
कांग्रेस ने की किताब हटाने की मांग
बाल गंगाधर तिलक को 'आतंक का जनक' (फादर ऑफ टेररिज्म) बताए जाने पर कांग्रेस ने पुस्तक को सिलेबस से हटाने की मांग की है. वहीं प्रकाशक ने इसे अनुवाद की गलती बताते हुए सुधार करने की बात कही है. आपको बता दें, जिस स्कूल में ये किताब पढ़ाई जा रही है वह राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं. राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम बोर्ड किताबों को हिंदी में प्रकाशित करता है इसलिये बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए मथुरा के एक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित संदर्भ पुस्तक को इस्तेमाल में लाया जाता है.
A reference book for Class 8 #SocialStudies has described #freedomfighter #BalGangadharTilak as the 'father of terrorism'.
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— ANI Digital (@ani_digital) May 12, 2018
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ये लिखा किताब में
सामाजिक विज्ञान की इस किताब के पेज नंबर 267 पर 22वें चैप्टर में तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिये उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है. पुस्तक में तिलक के बारे में 18वीं और 19वीं शताब्दी के राष्ट्रीय आंदोलन के बारे में लिखा गया है. पुस्तक में तिलक के हवाले से बताया गया है कि उनका मानना था कि ब्रिटिश अधिकारियों से प्रार्थना करने मात्र से कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता. शिवाजी और गणपति महोत्सवों के जरिये तिलक ने देश में अनूठे तरीके से जागरूकता फैलाने का कार्य किया.
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अनुवादक के ओर से हुई गलती
मथुरा के प्रकाशक स्टूडेंट एडवाइजर पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी राजपाल सिंह ने बताया कि गलती पकड़ी जा चुकी है जिसे संशोधित प्रकाशन में सुधार दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह गलती अनुवादक की ओर से की गई थी. वहीं गलती के सामने आने पर पिछले माह के अंक में सुधार कर दिया गया है. इसका पहला अंक पिछले वर्ष प्रकाशित किया गया था. इतिहासकारों ने तिलक जैसी महान राष्ट्रीय विभूतियों को अनुवादक की गलतियों के कारण इस तरह बताए जाने की निंदा की है.
इसी के साथ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे देश का अपमान बताया है. उन्होंने एक बयान देते हुए कहा 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा के सिलेबस को जिस गलत स्वरूप में पेश किया जा रहा है, उससे स्वतंत्रता सेनानियों की गरिमा को ठेस पहुंच रही है'.
पायलट ने सरकार से मांग की है कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के संदर्भ में जिस किताब में गलत तथ्य लिखे गये हैं उसे सिलेबस से हटाया जाए और पुस्तक पर रोक लगा दी जाए.