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लॉकडाउन: ऑनलाइन एग्जाम के ख‍िलाफ हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक, ये है वजह

देश में लॉकडाउन के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑनलाइन परीक्षाओं पर विचार कर रहा है, लेकिन श‍िक्षक संघ इसका विराेध कर रहा है. आइए जानें- इस विरोध के पीछे क्या है खास वजह, क्यों डूटा ने इसकी ख‍िलाफत की.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर लॉकडाउन के दौरान सभी शैक्षणिक संस्थाएं ऑनलाइन क्लास के लिए आगे बढ़ रही हैं. वहीं दूसरी ओर, देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक ऑनलाइन सिस्टम के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

बता दें कि यूनिवर्सिटी में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर बहस चल रही है कि क्या परीक्षाएं ऑनलाइन होनी चाहिए, वहीं डूटा यानि दिल्ली यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ ने ऐसे किसी भी प्लान को सिरे से खारिज कर दिया है. श‍िक्षक संघ की ओर से पूर्व डूटा अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा ने ऐसी किसी भी योजना का समर्थन करने से साफ इंकार किया है.

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शिक्षकों का तर्क है कि अगर क्लास शुरू होती है तो उसपर सभी छात्रों का बराबर का हक है, लेकिन लॉकडाउन में ऐसा करना संभव नहीं. इसकी वजह पूरी तरह से साफ है, वो ये कि दूरदराज के इलाकों में और गरीब परिवारों के छात्रों के लिए ऑनलाइन एक विकल्प नहीं है. मिश्रा ने साफ कहा कि ऐसा करके यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के हितों के साथ वैश्विक महामारी के वक्त खिलवाड़ कर रहा है.

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डूटा ने दावा किया है कि सभी 17 डीन ने इसी हफ्ते ऐसे किसी भी तरह के ऑनलाइन या मौखिक परीक्षाओं का विरोध किया है. हर किसी छात्र के पास इंटरनेट, लैपटॉप या स्मार्टफोन होना संभव नहीं है, इसलिए ऐसा करने से परेशानी कहीं और बढ़ जाएगी. आदित्य नारायण मिश्रा ने ये भी कहा कि इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी अनावश्यक दखल से बचना चाहिए क्योंकि दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को निर्देश देना मंत्रालय के कार्यक्षेत्र में आता ही नहीं है.

इससे पहले बुधवार को दिल्ली के फैकल्टी ऑफ टेक्नॉलॉजी के डीन सचिन माहेश्वरी ने भी दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखकर नए परीक्षा फॉरमैट के तुरंत वापस लेने की मांग की थी. ऐसे हालात में विश्वविद्यालय के सामने सबसे बड़ी मुसीबत ये खड़ी हो गई कि क‍िस तरह समय पर एग्जाम कराए जाएं और एकेडमिक कैलेंडर को मेन्टेन किया जा सके.

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