बिहार के एक छोटे से गांव का नौजवान बड़ा इंजीनियर बनना चाहता था. उसने मेहनत के दम पर विदेश के बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षा भी पास कर ली लेकिन गरीबी के चलते वो दाखिला नहीं ले सका. उस होनहार छात्र ने फैसला लिया कि अब वो गरीब छात्रों की पढ़ाई में मदद करेगा ताकि उसकी तरह दूसरे छात्रों का ख्वाब अधूरा ना जाए. आज वो 105 देशों के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाता है. आइए आपको गांव के उस नौजवान से मिलवाते हैं.
बिहार के सुपौल में एक छोटे से गांव बीरपुर में कन्हैया ठाकुर 105 देशों के बच्चों को पढ़ाते हैं फिजिक्स
21 साल के कन्हैया ठाकुर इंजीनियर बनना चाहते थे. उनका चयन विदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए हुआ था लेकिन गरीबी के चलते वो अपने सपने को पूरा नहीं कर पाए. कन्हैया खुद तो इंजीनियर नहीं बन पाए लेकिन उन्होंने बीएससी पास करके गांव के बच्चों की तकदीर बदलने का फैसला किया. कन्हैया आज गांव के एक छोटे से क्लास रूम में गांव के बच्चों को फ्री में फिजिक्स पढ़ाते हैं. ये वो बच्चे हैं जो गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
कन्हैया केवल गांव के बच्चों को ही नहीं पढ़ाते बल्कि वेबसाइट बनाकर भारत समेत 105 देशों के बच्चों को मुफ्त में ऑनलाइन फिजिक्स के टिप्स देते हैं. अभी तक करीब 5 हजार छात्र उनसे पढ़ चुके हैं. कन्हैया गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई में मदद करना चाहते हैं ताकि उनकी तरह दूसरे किसी बच्चे का सपना अधूरा न रह जाए.
कन्हैया की ये कोशिश अब धीरे-धीरे रंग लाने लगी है. उन्हें उनके इस काम के लिए कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. बिहार सरकार ने उन्हें कई सम्मानों से नवाजा है. अपनी मेहनत के दम पर आज कन्हैया ऑनलाइन एजुकेशन की दुनिया में फिजिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं.