अगर आपकी रुचि भाषा में है तो लिंग्विस्टिक्स आपके लिए एक अच्छा करियर ऑप्शन है. लिंग्विस्टिक्स शब्द लैटिन भाषा के लिंगुआ (जुबान) और इस्टिक्स (ज्ञान ) से मिलकर बना है. इसे हिंदी में भाषा विज्ञान कहते हैं.
लिंग्विस्टिक्स एक ऐसा विज्ञान है, जो किसी भाषा के सामाजिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक, बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और आर्थिक पहलू का अध्ययन करता है.
लिंग्विस्टिक्स कोर्स का क्रेज स्टूडेंट्स में काफी देखने को मिल रहा है. इसकी वजह इस क्षेत्र में बढ़ता रोजगार है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ोतरी और टेक्नोलॉजी में रोज नए प्रयोगों के मद्देनजर नौकरियों के कई विकल्प सामने आ रहे हैं. एक लैंग्वेज एक्सपर्ट के लिए गवर्नमेंट सेक्टर से लेकर प्राइवेट सेक्टर तक में नौकरियों की भरमार है.
किसके लिए है लिंग्विस्टिक कोर्स:
लिंग्विस्टिक्स में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम चलाए जाते हैं. ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए 12वीं पास होना जरूरी है, जबकि पीजी कोर्स करने के लिए लिंग्विस्टिक्स या अन्य किसी विषय में ग्रेजुएट होना अनिवार्य है. लिंग्विस्टिक्स में मास्टर्स डिग्री करने के बाद एमफिल या पीएचडी भी की जा सकती है.
कहां मिलेगा रोजगार ?
एक लैंग्वेज एक्सपर्ट के लिए गवर्नमेंट सेक्टर के साथ प्राइवेट सेक्टर के दरवाजे भी खुले हैं. लैंग्वेज ट्रेनिंग के बाद आमतौर पर रिसर्च से संबंधित नौकरियां मिलती हैं. इसके अलावा लिंग्विस्टिक प्रोफेशनल्स ऑडियोलॉजिस्ट, कम्यूनिकेशन डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट, ब्रॉडकास्टर, न्यूज रीडर, कॉपी राइटर, टेक्निकल राइटर, ट्रांसलेटर, प्रकाशक, इंटरप्रिटर, लैंग्वेज प्लानर, लेक्सिकोग्राफर, टीचर, साइको लिंगग्विस्टक, टूर ऑपरेटर, रिसर्चर की नौकरी पा सकते हैं. यही नहीं डब्ल्यूएचओ, यूएन, नाटो जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अलावा टीचिंग, बैंकिंग, अस्पताल, पर्यटन, प्रिंटिंग प्रेस, मीडिया जैसे फील्ड में भी करियर बनाया जा सकता है.
कितनी मिलेगी सैलेरी?
एक लैंग्वेज एक्सपर्ट की सैलेरी उसके काम और स्थान पर निर्भर करती है. शुरुआत में 10,000 से 15,000 रुपये हर महीने मिल जाते हैं और अनुभव के साथ इसमें बढ़त भी होती है. अगर एक लिंग्विस्टिक्स स्पेशिलिस्ट बतौर ट्रांसलेटर काम कर रहा है तो पर- पेज के हिसाब से पेमेंट मिलती है जबकि एक इंटरप्रिटर को पर-आवर पेमेंट मिलती है.
कहां कर सकते हैं पढ़ाई?
1. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज
2. यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद सेंटर फॉर एप्लाइड लिंग्विस्टिक्स एंड ट्रांसलेशन स्टडीज
3. यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता
4. केरल यूनिवर्सिटी, डिपार्टमेंट ऑफ लिंगग्विस्टिक्स