सिविल सर्विस की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को इस साल भी सीसैट का पेपर देना होगा. इस साल होने वाली सिविल सर्विस परीक्षा से सबंधित नियमों की घोषणा कर दी गई है. कार्मिक मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक नियम विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित हैं.
मंत्रालय ने फैसला किया है कि उम्मीदवारों को 'सीसैट यानी जनरल स्टडीज' की परीक्षा देनी होगी. इस परीक्षा में एप्टीट्यूड टेस्ट से सवाल पूछे जाते हैं. यह एक क्वालिफाइंग पेपर है. इसमें उम्मीदवारों को कम से कम 33 फीसदी अंक लाने होते हैं.
वहीं, सीसैट के इंग्लिश टेस्ट से जुड़े इंग्लिश लैंग्वेज कंप्रीहेंसन स्किल के हिस्से को इस बार भी अलग रखने का निर्णय लिया गया है. आपको बता दें कि पिछले साल भी बाद इंग्लिश लैंग्वेज कंप्रीहेंसन स्किल को पेपर से अलग रखा गया था.
सरकार की ओर से कहा गया है कि एप्टीट्यूड टेस्ट के सभी पहलुओं पर ध्यान देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा. यह समिति समय-समय पर उठने वाली सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न, पाठ्यक्रम और पद्धित की जांच करेगी.
पिछले साल सीसैट हटाने की मांग को लेकर स्टूडेंट्स ने बड़ा आंदोलन किया था. इस आंदोलन में मुख्यत: हिन्दी भाषी क्षेत्रों के स्टूडेंट्स शामिल थे. इस मामले की गूंज संसद भवन तक सुनी गई थी. जिसके बाद सरकार ने इस पेपर से इंग्लिश के एक हिस्से को हटाने की घोषणा की और एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था.