केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सी-टेट) तमिल सहित 20 भाषाओं में आयोजित होगी. प्रकाश जावड़ेकर ने एक ट्वीट में कहा कि 'सी-टेट परीक्षा जैसे पहले आयोजित होती थी, उसी प्रकार सभी भारतीय भाषाओं में आयोजित होगी. मैंने पहले ही सीबीएसई को सभी 20 भाषाओं में परीक्षा का आयोजन करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "सी-टेट परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बांग्ला, गारो, गुजराती, कन्नड़, खासी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मिजो, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू, तिब्बती और उर्दू में आयोजित होगी.
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#CTET परीक्षा सभी भारतीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बांग्ला, गारो, गुजराती, कन्नड़, खासी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मिजो, नेपाली, उडिया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, तिब्बतन और उर्दू में आयोजित की जाएगी।@cbseindia29 pic.twitter.com/bHhYvJaFKK
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 18, 2018
#CTET examination will be held in English, Hindi, Assamese, Bangla, Garo, Gujarati, Kanada, Khasi, Malyalam, Manipuri, Marathi, Mizo, Nepali, Oriya, Punjabi, Sanskrit, Tamil, Telugu,Tibetan & Urdu @cbseindia29
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 18, 2018
वहीं डीएमके नेता कनिमोझी ने ट्विटर पर ही कई अन्य भाषाओं समेत तमिल को इस परीक्षा के आयोजन से हटाने के सीबीएसई के फैसले की निंदा की थी.
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उन्होंने कहा, 'सी-टेट से तमिल सहित 16 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को हटाने का फैसला निंदनीय और संघीय व्यवस्था की बुनियाद पर हमला है. तमिल मातृभाषा वाले सीबीएसई के विद्यार्थियों को शिक्षक के बिना बड़ी असुविधा होगी.'
The decision to drop Tamil & 16 other regional languages from Central Teacher Eligibility Test is highly condemnable and strikes at the root of federalism. Students of CBSE whose mother tongue is Tamil will be put to a great disadvantage without teachers..
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— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) June 18, 2018
Students are forced to study Hindi & Sanskrit instead of their mother tongue. This will lead to another language struggle through out the country. This is another of BJPs efforts to make a Hindi-Hindu Hindustan.
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— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) June 18, 2018
उन्होंने ये भी कहा कि विद्यार्थियों को मातृभाषा के बदले हिंदी और संस्कृत पढ़ने को बाध्य किया जा रहा है. इससे देशभर में एक और भाषाई संघर्ष पैदा होगा. यह बीजेपी की हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान बनाने की दूसरी कोशिश है.'
सी-टेट में पास करने वाले शिक्षक ही केंद्र सरकार के स्कूलों (केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय तिब्बती स्कूल व अन्य) और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में नियुक्ति के लिए योग्य होते हैं.