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नासा और बोइंग बनाएंगे सबसे शक्तिशाली रॉकेट

नासा ने प्रतिष्ठित स्पेस लॉन्‍च सिस्टम (एसएलएस) के विकास के मद्देनजर सबसे बड़े रॉकेट के निर्माण के लिए बोइंग अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ 2.8 अरब डॉलर का करार किया है.

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नासा ने प्रतिष्ठित स्पेस लॉन्‍च सिस्टम (एसएलएस) के विकास के मद्देनजर सबसे बड़े रॉकेट के निर्माण के लिए बोइंग अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ 2.8 अरब डॉलर का करार किया है. साढ़े छह साल के एसएलएस करार के तहत बोइंग हाइड्रोजन और ऑक्सीजन टैंक समेत दो एसएलएस कोर और एवियोनिकी (उड़ान में प्रयुक्त होने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स) देगा.

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बोइंग के अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली के उपाध्यक्ष और कार्यक्रम प्रबंधक वर्जिनिया वर्नर्स ने कहा, 'हमारे वैज्ञानिक अभी तक के सबसे बड़े एसएलएस के सुरक्षित, कम लागत में और समय पर निर्माण के प्रति समर्पित हैं'.

यह रॉकेट गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों को ले जा सकने वाले ओरियन अंतरिक्षयान को लाल ग्रह समेत लो अर्थ ऑरबिट तक ले जाएगा.

रॉकेट कोर चरण को ऊर्जा चार आरएस-25 इंजन से मिलेगी. यह पहले इस्तेमाल होने वाले अंतरिक्ष यान का मुख्य इंजन है, जिसे कनोगा पार्क के ऐरोजेट रॉकेटडाइन ने बनाया था.

नासा के प्रवक्ता रसेल क्राफ्ट ने एक बयान में कहा, 'रॉकेट के कोर चरण के निर्माण के अलावा, नासा द्वारा किए करार में बोइंग द्वारा नए एसएलएस ऊपरी चरण का अध्ययन भी शामिल है, जिसे नासा और बोइंग द्वारा ऊपरी चरण अन्वेषण कहा गया है.'

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रॉकेट का परीक्षण फ्लोरिडा के केप कानावेरल से 2017 में निर्धारित हुआ है. पहले मिशन में रॉकेट से एक खाली ओरियन अंतरिक्षयान को छोड़ा जाएगा. दूसरा मिशन 2021 में है, जिसमें नासा के चार अंतरिक्षयात्री ओरियन में उड़ान भरेंगे.

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