केंद्रीय सतर्कता आयोग के प्रमुख ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को जल्द ही भ्रष्टाचार की समस्या, सामाजिक-आर्थिक परिवेश पर इसके नकारात्मक प्रभाव और इससे निपटने के तौर-तरीकों को पढ़ाने की शुरुआत की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आयोग भ्रष्चाचार और उसके नतीजों को लेकर छात्रों को जागरुक करने के लिए पाठ्यसामग्री तैयार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सीबीएसई, एआईसीटीई, भारतीय चिकित्सा परिषद, एमसीआई और अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ संपर्क में है.
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी ने कहा कि आयोग की तरफ से हम मानव संसाधन विकास विभाग , केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और एआईसीटीई तथा एमसीआई के साथ सामान्य पाठ्यसामग्री तैयार करने के लिहाज से संपर्क में हैं ताकि स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक के स्टूडेंट्स समझ सकें कि भ्रष्टाचार क्या होता है, रिश्वत किसे कहते हैं और ईमानदारी क्या होती है. चौधरी सतर्कता पर जागरुकता लाने और सतर्कता पेशेवरों का ग्यान और कौशल बढ़ाने के उद्देश्य से हैदराबाद के व्यावसायिक संस्था विजिलेंस स्टडी सर्किल के 13 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में एक व्याख्यान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों और व्यावसायिक पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले कॉलेजों में छात्रों के लिए नैतिकता पर छोटे-छोटे हिस्सों में पाठ पढ़ाये जा सकते हैं.