DU में दाखिले के साथ ही चुनावी रंग भी दिखने शुरू हो गए हैं. स्कूल की बोरिंग यूनिफार्म से निकलकर कॉलेज की रंग-बिरंगी दुनिया में कदम रखने वाले छात्र कॉलेज के पहले दिन काफी एक्साइटेड नजर आए. सुबह से ही नाॅर्थ कैंपस में काफी चहल पहल रही. पसंदीदा कॉलेज और कोर्स मिलने से छात्रों के लिए कॉलेज का पहला दिन यादगार रहा. ज्यादातर कॉलेजों में सेशन के पहले दिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया.
नए सेशन के साथ शुरू हुआ DUSU का दंगल...
नए सेशन की शुरुआत के साथ ही कैंपस में छात्र राजनीति भी जोर पकड़ने लगी. एबीवीपी और एनएसयूआई जैसे छात्र संगठन फ्रेशर्स का तिलक लगाकर, चॉकलेट्स बांटकर और फूल से स्वागत करते दिखे. कैंपस के वॉल ऑफ डेमोक्रेसी पर एनएसयूआई के पोस्टर छाए रहे, वहीं कॉलेजों के भीतर स्टूडेंट्स का स्वागत करने में एबीवीपी बाजी मारती दिखी.
हालांकि एनएसयूआई के छात्र भी कॉलेजों में फ्रेशर्स का स्वागत करने में जुटे रहे लेकिन यूथ कांग्रेस के संसद घेराव की वजह से इसका कोई बड़ा छात्र नेता कैंपस में नजर नहीं आया.
'CYSS' और 'AAP' का नो वेलकम प्लान...
पंजाब की सियासत ने सीवाईएसएस को स्टूडेंट्स से दूर कर दिया है. पिछले साल नए सत्र की शुरुआत में फ्रेशर्स के वेलकम के लिए आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा वेलकम प्लान तैयार किया था. क्या नेता, क्या मंत्री और क्या वॉलेंटियर. सभी कॉलेजों के गेट पर फ्रेशर्स को गुलाब का फूल और पेन देकर सीवाईएसएस डूसू में जीत पक्की करने में लगा हुआ था.
लेकिन इस बार कैंपस में फ्रेशर्स का वेलकम तो दूर, छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए भी CYSS के छात्र नजर नहीं आए. रामजस के जिस गेट पर पिछली बार जहां अलका लाम्बा फ्रेशर्स को फूल बांट रही थी, आज वहां CYSS का एक भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था.
ABVP और NSUI ने कहा, मौकापरस्त है CYSS...
सीवाईएसएस ने पिछला डूसू चुनाव हारने के बाद भी कैम्पस में सक्रिय रहने का वादा किया था, लेकिन पंजाब चुनाव के मद्देनजर इसे कैंडिडेट कैंपस में अब कम नजर आ रहे हैं. दरअसल पार्टी ने पूरी ताकत पंजाब चुनाव जीतने में झोंक दी है लिहाजा पिछले साल पूरे लाव-लश्कर के साथ डीयू फ्रेशर्स का वेलकम करने वाली आम आदमी पार्टी इस साल कैंपस से नदारद है.
एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा के मुताबिक आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन जमीनी स्तर पर खोखला है. पिछले साल डूसू जीतना था तो आप नेताओं का फोकस डीयू के छात्र थे, लेकिन आज उनकी प्राथमिकता पंजाब है तो डीयू के छात्रों को वे क्यों वेलकम करेंगे. सीवाईएसएस और आम आदमी पार्टी पूरी तरह मौकापरस्त है.
इस साल डूसू नहीं लड़ने का फैसला भी पंजाब चुनाव को देखते हुए उनकी रणनीति है. तो वही एनएसयूआई के छात्र नेता सन्नी के मुताबिक सीवाईएसएस पहले ही बैक फुट पर आ चुकी है. कैंपस में नदारद सीवाईएसएस के छात्रनेता इस मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं.
रैगिंग रोकने के हैं पूरे इंतजाम...
फ्रेशर्स के उत्साह को रैगिंग का डर फीका न कर दे, इसीलिए डीयू प्रशासन ने सभी कॉलेजों को सर्कुलर भेजकर रैगिंग पर विशेष नजर रखने को कहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक रैगिंग करने वालों का दाखिला तक रद्द हो सकता है.
आजतक से बातचीत में जे एम खुराना, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर ने बताया कि डीयू के सभी कॉलेज में एक नोडल ऑफिसर है. सभी कॉलेजों को हिदायत दी गई है की रैगिंग को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पुलिस और सिक्यूरिटी ऑफिसर भी कॉलेज में यूनिफार्म और सादी वर्दी में तैनात हैं. अगर कोई रैगिंग में लिप्त पाया गया तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.