अगर कोई किसी काम को करने की ठान लें तो वो आसानी से उस काम को कर सकता है, चाहे परिस्थितियां उसके कितनी भी खिलाफ हो. इस बात को सच साबित किया है छत्तीसगढ़ के जशपुर के रहने वाले दो युवक दीपक कुमार और नितेश पेनक्रा ने, जिन्होंने कई परेशानियों को मात देते हुए आईआईटी दिल्ली में स्थान पक्का किया और अब वो आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों छात्र आईआईटी के टेक्सटाइल डिपार्टमेंट में काम करते हैं.
ये दोनों युवक कुठे केला और जरगाम के आदिवासी समुदाय से आते हैं और उन्होंने सीमित संसाधनों के इस्तेमाल से आईआईटी में प्रवेश हासिल किया. इन दोनों युवकों को कहना है कि प्रशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में काफी मदद की है. रिपोर्ट्स के अनुसार क्षेत्र की कलेक्टर ने खुद अपने वेतन में से इन लोगों को मदद की थी.
इस लड़की ने नौकरी छोड़ शुरू किया ये काम, देश में हुई मशहूर
Jashpur District: Deepak Kumar & Nitesh Painkra from tribal villages of Kudekela & Jargum, respectively, are students of IIT Delhi's textile department. Both say their journey has been possible because of the help by district administration. #Chhattisgarh pic.twitter.com/8gwJHD5Cby
— ANI (@ANI) January 21, 2018
छात्रों के चयन पर जशपुर की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला का कहना है कि 'राज्य के बच्चों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है और ये आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा उदाहरण है. मैं जिला प्रशासन का भी शुक्रिया करना चाहूंगी जिन्होंने बच्चों की मदद में कोई कमी नहीं छोड़ी.' उन्होंने ये भी बताया कि जशपुर के 21 छात्रों को एनआईटी और आईआईटी में सलेक्शन हुआ था, जिसमें दो आईआईटी का चयन शामिल है.
21 students from Jashpur got selected for NIT & IIT of which 2 are in IIT Delhi.It is a matter of pride & example for future generations. Thankful to District Mineral Fund Trust, because of which we can support meritorious students-Priyanka Shukla Collector, Jashpur #Chhattisgarh pic.twitter.com/zGD9S1szj4
— ANI (@ANI) January 21, 2018