हाल ही में फोर्ब्स इंडिया ने 30 अंडर 30 लिस्ट जारी की है, जिसमें दीपांजलि डालमिया का नाम भी शामिल है. दीपांजलि डालमिया साधारण परिवार से आती हैं और उन्होंने महज दो साल में ही बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. दीपांजलि 'हेडे केयर' नाम की एक हेल्थ केयर कंपनी चलाती है, जिसके द्वारा वो महिलाओं तक बायो फाइबर सैनेटरी नैपकिन पहुंचाती है. यह सैनेटरी पैड ना सिर्फ महिलाओं के लिए लाभदायक है, बल्कि यह पर्यावरण को भी दूषित नहीं करता है.
दीपांजलि को फोर्ब्स ने उस लिस्ट में शामिल किया है, जिसमें उन लोगों को नाम शामिल होता है, जो कुछ ही सालों में खास मुकाम हासिल करते हैं. ऐसे ही दीपांजलि ने महज 2 साल में अपनी कंपनी को काफी लोकप्रिय बना लिया है. इससे पहले दीपांजलि मैनहटन में फाइनेंशियन कंसल्टेंट के तौर पर नौकरी कर रही थी, लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ समाज के लिए कुछ करने का फैसला किया.
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फोर्ब्स के अनुसार, वो 2015 में भारत लौटी और उन्होंने तीन महीने रिसर्च का काम किया, जिससे उन्हें पता चला कि भारत में करीब 87 फीसदी महिलाएं सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल नहीं करती है और जो करती है, उन्हें भी प्लास्टिक-सिंथेटिक से सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा होता है. उसके बाद उन्होंने बांस के माध्यम से पर्यावरण और हेल्थ के अनुकुल पैड्स बनाने का काम शुरू किया.
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दो साल पहले उनकी कंपनी ने दिल्ली, मुंबई में सैनेटरी पैड्स बेचने शुरू कर दिए और वो इसे जल्द ऑनलाइन माध्यम से भी बेचेंगे. बता दें कि ये पैड्स चीन और फिनलैंड में बनाए जाते हैं और उन्हें भारत में पैक किया जाता है. डालमिया के अनुसार वो एक साल में 448 मिलियन यूनिट्स तैयार कर सकते हैं. गौरतलब है कि फोर्ब्स ने दीपांजलि का नाम हेल्थ केयर कैटेगरी में शामिल किया है.