बच्चों के प्रीमेच्योर होने के चलते कई बार पैरेंट्स उनका दाखिला स्कूल में देरी से कराते हैं, जो स्कूल में बच्चे के खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार हो सकता है. हाल ही में यह बात एक शोध में सामने आई है.
लंदन की यूनिवर्सिटी में यह शोध 999 बच्चों पर किया , जिसमें 472 बच्चे प्रीमेच्योर थे, जिनका जन्म समय से चार महीने पहले हुआ था.
शोध में यह बात भी सामने आई है कि देरी से स्कूल में दाखिले का असर सिर्फ बच्चे के शुरुआती दौर में नहीं आने वाले सालों में बच्चे की लिखने-पढ़ने की क्षमता, चीजों को याद रखने की शक्ति पर भी पड़ता है. देर से स्कूल जाने वाले बच्चे आमतौर पर गणित में औसत दर्जे के ही होते है.