सैनिकों को लंबे समय तक उन जगहों पर भी रहना पड़ता है जहां पर नहाने तक की व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि वह अपने शरीर की साफ कैसे रख सकते हैं. दिल्ली के रहने वाले पुनीत गुप्ता ने जब इस बारे में सोचा तो उन्हें एक आइडिया आया क्यूं न वॉटरलेस शैंपू बनाया जाए जिसे दुर्गम क्षेत्रों में हमारे सैनिक इस्तेमाल कर सकते हैं.
शुरू हुआ वॉटरलेस शैंपू बनाने का तरीका
पुनित ने 'क्लेन्स्टा इंटरनेशनल' का स्टार्टअप शुरू किया. उन्होंने कहा पहली बार जब सैनिकों की परेशानियों को करीब से देखा तो उसके बाद ऐसा प्रॉडक्ट तैयार करने की प्रेरणा मिली. मीडिया रिपोर्ट्स के उनकी कंपनी को 5 लाख डॉलर की आर्थिक मदद भी मिली है. बता दें, पुनीत ने साल 2011 में IIM कोलकाता से एमबीए किया है.
उसके बाद वह चार सालों तक यूके से पढ़ाई के साथ ही डीआरडीओ और हनीवेल कंपनियों में काम किया. साल 2016 में पुनित 'क्लेन्स्टा इंटरनेशनल' कंपनी की शुरुआत की. जिसमें उनकी मदद उनके दोस्तों ने की. आईआईटी दिल्ली से शुरू हुए क्लेन्स्टा के वाटर सेविंग प्रोडक्ट अब नासा को भी उपलब्ध कराने भी प्लानिंग चल रही है.
कैसे काम करेगा वॉटरलेस शैंपू
पुनीत ने बताया वॉटरलेस शैंपू सैनिकों को काफी फायदा पहुंचाएगा. जिस जगह पर पानी की कमी है या नहाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है वहां ये शैंपू कमाल दिखाएगा. उन्होंने बताया शैंपू और बॉडी बाथ लगाकर साफ तौलिये से पोछना होता है. इसमें पानी की जरूरत नहीं होती है.
उन्होंने बताया एक साल पहले ही भारत सरकार और कारगिल, सियाचिन, द्रास जैसे दुर्गम स्थानों पर तैनात जवानों के लिए अपने प्रॉडक्ट की सप्लाई शुरू कर दी है. पुनीत ने बताया उनके इस प्रोडक्ट से सैनिक खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं.