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दिल्ली: फेल हो गए थे 40 हजार बच्चे, अब नहीं मिल रहा एडमिशन

दिल्ली की सरकारी स्कूल के कई बच्चे 10वीं परीक्षा में फेल हो गए हैं और कई विद्यार्थियों के सप्लीमेंट्री आई है, जिन्हें अब एडमिशन हासिल करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हुए विकास के दावे कर रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है. दिल्ली सरकार के कई नियमों और शिक्षा विभाग की मनमानियों की वजह से हजारों बच्चों का भविष्य अंधेरे में है. हजारों बच्चे एडमिशन के लिए तरस रहे हैं और अब उन्होंने न्याय के लिए लिए हाईकोर्ट का रूख किया है.

हाईकोर्ट में लगातार याचिकाएं दायर हो रही हैं, जिसमें बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला देने से इंकार करने और फेल बच्चों को दोबारा एडमीशन नहीं मिलने का आरोप है. आज भी हाईकोर्ट में ऐसा हुआ, जहां बच्चों और पैरेंट्स की भीड़ दिखाई दी. जानकारी पर पता चला कि ये बच्चे एक ही सरकारी स्कूल गोकुलपुरी के हैं और ये बच्चे दसवी में फेल हो गए. कई ऐसे बच्चे हैं जिनकी कंपार्टमेंट आई है, लेकिन वो दोबारा सफल नहीं हो पाए.

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परिवार वालों के मुताबिक, इस स्कूल के दसवीं के 320 बच्चो में तकरीबन 180 यानी आधे बच्चे फेल हैं और उसमें से कई पैरेंट्स और बच्चों ने हाईकोर्ट में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इस दौरान बिहार के संजय ने बताया कि वो रोजाना कि मजदूरी छोड़कर बीते कई महीनों से स्कूल का चक्कर लगा रहे हैं क्योंकि अगर बच्चियां घर पर बैठी तो हो सकता इनकी पढ़ाई छूट जाए नहीं तो उनकी परवरिश में दिक्कत आएगी. बता दें कि बीते 20 सालों से दिल्ली में मज़दूरी करते हैं और उनकी दो बेटियां सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं, लेकिन दोनों ही बच्चियों फेल हो गई है.

ऐसे ही कुछ हालात रमेश के भी हैं, जिनकी बेटी की दसवीं में कंपार्टमेंट आई है और अब स्कूल प्रशासन बच्ची को दोबारा दाखिला देने से इनकार कर रहा है. स्कूल का कहना है कि अगर सभी सब्जेक्ट में फेल हो जाती है तो उसे दाखिला मिल जाता, लेकिन कंपार्टमेंट वाले बच्चों को दाख़िला देने का कोई नियम नहीं है. दिल्ली के गोकलपुरी के सर्वोदय स्कूल में दसवीं में 315 बच्चों में तकरीबन आधे बच्चे पास नहीं हो पाए.

दरअसल इन सभी बच्चों का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते और स्कूली बच्चों से जुड़े एनजीओ चलाते वकील अशोक अग्रवाल के पास है. अशोक अग्रवाल कहते हैं कि दिल्ली सरकार शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है किसी भी बच्चों को दाख़िले से इनकार नहीं किया जा सकता है. दरअसल इस साल दसवीं का रिजल्ट दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बेहतर नहीं रहा. इस साल 136663 स्टूडेंट्स में केवल 94160 बच्चे पास हुए जबकि 42503 फेल हो गए.

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दरअसल बीते दिनों अशोक अग्रवाल के पास करीब चार सौ ऐसे बच्चे पहुंचे थे, जिन्हें किसी कागज की कमी की वजह से दिल्ली सरकार के स्कूल दाखिला देने से इनकार कर रहे थे. फिर ये मामला हाई कोर्ट में पहुचा और तब हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने इस मामले में दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए तुरंत ही बच्चों के दाखिले देने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने अपनी आदत नहीं बदली और लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे.

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