दरअसल सेंट स्टीफंस के स्टूडेंट देवांश मेहता को कॉलेज मैनेजमेंट ने कॉलेज की ऑनलाइन मैगजीन लॉन्च करने पर सस्पेंड कर दिया था. कॉलेज की दलील है कि देवांश ने बिना इजाजत ऑनलाइन मैगजीन निकाली, जिसकी सजा निलंबन के रूप में सामने आई. देश में लिखने की आजादी है लेकिन देश के हाई-प्रोफाइल कॉलेज को शायद से मंजूर नहीं. अब देवांश के समर्थन में काई छात्र संगठन लामबंद हो चुके हैं और सेंट स्टीफंस के बाहर उन्होंने देवांश के पक्ष में और कॉलेज के खिलाफ नारेबाजी करके अपना विरोध मुखर किया.
कॉलेज की पाबंदी के खिलाफ निलंबित छात्र देवांश ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया. अदालत ने मामले को जांचा परखा और देवांश को राहत देते हुए उसके निलंबन पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने सेंट स्टीफंस के प्रिंसिपल वॉल्सन थंपू और कॉलेज के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने कहा है कि मीडिया से बात करना कोई गुनाह नहीं है और महज इसी आधार किसी छात्र को सस्पेंड नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा अदालत ने कॉलेज में होने वाले उस अवार्ड समारोह पर भी रोक लगा दी है जिसमे देवांश को भी एक सम्मान मिलना था. दिल्ली हाईकोर्ट ने उस एक सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर भी रोक लगा दी है जिसके आधार पर देवांश को निलंबित किया गया था.