दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार नर्सरी एडमिशन में मैनेजमेंट कोटे को पूरी तरह से खारिज करती है.
मैनेजमेंट कोटे के बारे में केजरीवाल का कहना था कि यह एक ऐसा कोटा है, जिसमें सबसे ज्यादा धांधली होती है और सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और जो स्कूल इस नियम को नहीं मानेंगे उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
दरअसल केजरीवाल दिल्ली प्राइवेट स्कूल नर्सरी एडमिशन के गाइडलाइंस पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम कोशिशों और मजबूत निर्णयों के बावजूद भी शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि EWS के 25 फीसदी कोटे के अलावा 75 फीसदी सीटें आरक्षित नहीं होनी चाहिए.
केजरीवाल ने कहा कि स्कूलों ने कोटा रिजर्व करने के लिए अलग-अलग क्राइटेरिया बना लिया है. कई स्कूलों ने तो यहां तक क्राइटेरिया दे दिया है कि जिनके माता-पिता मांसाहारी हैं, शराब या सिगरेट पीते हैं, उन्हें एडमिशन नहीं मिलेगा. इस तरह के कुल 62 क्राइटेरिया को दिल्ली सरकार मान्यता नहीं देगी.
वहीं, फेडरशन ऑफ पब्लिक स्कूल्स के अध्यक्ष आर पी मलिक का कहना है कि मैनेजमेंट कोटा का मामला पिछले एक साल से अदालत में है. अगर सरकार इस तरह का कोई आदेश देती है तो हमलोग कोर्ट जाएंगे.
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने 28 नवंबर 2014 के फैसले में राज्यपाल के प्वाइंट सिस्टम पर आधारित गाइडलाइंस को खारिज कर दिया था और स्कूलों को यह अधिकार भी दे दिया था कि वे एडमिशन के लिए अपने गाइडलाइंस खुद तैयार कर सकते हैं. ऐसे में केजरीवाल का यह बड़ा कदम कई सवाल खड़े कर सकता है.