DU का SRCC अब ऐसा कॉलेज बन गया है, जहां सिर्फ डिजिटल भुगतान होगा. फिर चाहे वो कॉलेज की फीस हो, एग्जाम फीस, कैंटीन का बिल या फोटोकॉपी, सब कुछ कैशलेस हो गया है.
गौरतलब है कि कॉलेज को पूरी तरह कैशलेस बनाने से पहले SRCC में दो दिन का डिजिटल मेला आयोजित किया गया था, जिसके तहत छात्रों, शिक्षकों, फूड वेंडर्स और SRCC प्रशासन को डिजिटल भुगतान के तरीके सिखाए गए थे. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मदद से कैशलेस बनने के लिए कॉलेज प्रशासन को भीम एप, आधार कार्ड के जरिए पेमेंट करने के तरीके, एसबीआई बड्डी का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई थी.
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कॉमर्स की पढ़ाई के लिए मशहूर इस कॉलेज में नोटबंदी के दो महीने पहले ही वित्तशाला सेल की शुरुआत हुई थी. इस सेल में करीब 100 छात्र जुड़े थे, जिन्हें फाइनेंशियल लिट्रेसी की ट्रेनिंग भी दी गई थी. दिसम्बर के महीने में SRCC के इन छात्रों ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ मिलकर एक डिजिटल पाठशाला भी आयोजित की थी, जिसके अंर्तगत दिल्ली के ग्रामीण इलाकों और शहरों के स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को फाइनेंस और डिजिटल इकोनॉमी के गुर सिखाने का बीड़ा छात्रों ने उठाया था.
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गौरतलब है कि अब SRCC कॉलेज की तर्ज पर डीयू के कई और कॉलेज डिजिटल होने की तैयारी कर रहे हैं. इनमें लक्ष्मीबाई कॉलेज का नाम आगे है. कॉलेज की छात्राओं को फाइनेंसियल लिटरेसी की ट्रेनिंग दी जा रही है.
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SRCC की राह पर जेएनयू
हाल ही में जेएनयू में भी दो दिवसीय फाइनेंशियल डिजिटल लिटरेसी कैम्पेन आयोजित किया था. जिसके अंतर्गत जेएनयू प्रशासन, छात्र, स्टाफ, शिक्षक सभी को किसी भी तरह के भुगतान के लिए कैश का इस्तेमाल करने की मनाही थी.