दिल्ली के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का नाम बदलकर 'वंदे मातरम महाविद्यालय' कर दिया गया है. कॉलेज की गर्वनिंग बॉडी ने शुक्रवार को ये फैसला किया है. हालांकि इस फैसले के बाद से विवाद शुरू हो गया है और छात्रों का एक गुट इस फैसले का विरोध कर रहा है.
दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल पवन शर्मा ने इस मामले पर कहा कि वंदे मातरम नाम रखने में कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों के नाम तो ऐसे लोगों के नाम पर हैं, जिनका नाम कोई नहीं जानता. वंदे मातरम् देश भक्ति को एक सूत्र में पिरोने वाला शब्द है. इसके नाम पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. वहीं एनएसयूआई की आपत्ति हम खारिज करते हैं, क्योंकि वह सिर्फ विरोध कर रहे हैं.
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वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) के उपाध्यक्ष कुणाल सहरावत ने कहा है कि हमें नाम बदलने और रखने में कोई आपत्ति नहीं है. आप कॉलेज का नाम 'नरेंद्र मोदी' कॉलेज रख लीजिए, मगर कॉलेज को उचित इंफ्रास्ट्रक्चर तो दीजिए. बच्चों की क्लासेस टूटे हुए कमरे में और गोदामों में लग रही हैं और ये लोग सिर्फ नाम बदल रहे हैं. बच्चों ने मुझे अपनी समस्या बताने के लिए बुलाया था. मैंने अपनी बात रखी मगर कॉलेज ने किसी की सुनवाई नहीं की.
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बता दें कि साल 1958 से ही दयाल सिंह कॉलेज का चल रहा है. मॉर्निंग और दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का अपना अस्तित्व रहा है. दयाल सिंह कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी का पहला इवनिंग कॉलेज है.