दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जल्द ही देशभक्ति की पढ़ाई शुरू होने वाली है. दिल्ली चुनावों के पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम लागू करवाने की तैयारी में जुट गए हैं.
अब BJP के राष्ट्रवाद के जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देशभक्ति पाठ्यक्रम का सहारा लेने की तैयारी कर रहे हैं. इस पाठ्यक्रम के लिए फिलहाल दिल्ली सरकार ने कमेटी गठित कर दी है. गुरुवार को उस कमेटी की पहली बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई. बैठक में तय हुआ देश भक्ति पर लोगों की राय लेने के लिए सीएम सभी निजी और सरकारी स्कूल के अभिभावकों को पत्र भी लिखेंगे.
सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम बनाने के लिए गठित कमेटी के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को पहली बार बैठक की थी. बैठक में उन्होंने कमेटी के सामने कहा कि उनकी नजर में देश से प्यार और देश के प्रति जो जिम्मेदारी है, वही असली देशभक्ति है. सरकार के मुताबिक कमेटी ने इसके पाठ्यक्रम बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसी क्रम में बच्चों से सुझाव मांगे गए थे. सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक देशभक्ति के संदर्भ में बच्चों के तरफ से कई सुझाव आए थे, इसमें से कुछ सुझाव इस प्रकार हैं.
ये थे कुछ सुझाव
- अपने काम के प्रति ईमानदारी का भाव.
- किसी चिड़िया की कहानी, पशु पक्षियों की जरूरतों का ध्यान रखना.
- लोगों में जात-पात का अंतर या भेदभाव न रखना.
- ईर्ष्या, अहंकार आदि न करना.
- नियमों का पालन करना.
- अच्छी आदतें अपनाना.
- कागज, पानी या बिजली बचाना.
- देश को स्वच्छ और स्वस्थ रखें.
- अच्छा इंसान बनना व भाईचारा, कर्तव्यों का पालन करना.
- प्रदूषण न करना और महिलाओं को सम्मान देना
- इसमें हेलमेट पहनना भी शामिल है.
केजरीवाल पूछेंगे देशभक्ति में क्या पढ़ाएं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूल के अभिभावकों को पत्र लिखकर खुद भी जानकारी लेंगे कि बच्चों को देशभक्ति पाठ्यक्रम में क्या पढ़ाया जाए. कमेटी का कहना है कि क्लास 1 से 12 तक के मौजूदा पाठ्यक्रम में ऐसे चैप्टर की सूची बनाई जा रही हैं जिसमे देशभक्ति को बढ़ावा दिया जा रहा हो. अरविंद केजरीवाल ने कमेटी से कहा कि बच्चों को देश के गौरव के बारे में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए. प्रत्येक बच्चे को उसकी जिम्मेदारी और देश के प्रति कर्तव्यों से अवगत कराना चाहिए.