सन फार्मास्युटिकल्स के संस्थापक और एमडी दिलीप सांघवी इंडिया टुडे की ऊंचे
और असरदार लोगों की सूची में 8वें स्थान पर हैं. सन फार्मा ने कामयाबी की
नई इबारत लिखते हुए 2014 में रैनबैक्सी लैबोरेटरीज का अधिग्रहण कर लिया था.
क्योंकि देश के उद्योग जगत में कम पहचाने जाने वाले सांघवी जेनेरिक फार्मा के क्षेत्र में देश की रोशनी बनकर उभरे हैं, जिन्होंने 4.5 अरब डॉलर के कारोबार वाली कंपनी सन फार्मा में कामयाबी की एक नई इबारत लिखी और 2014 में रैनबैक्सी लैबोरेटरीज का अधिग्रहण कर लिया, जिसकी वजह से पिछली तिमाही में सन फार्मा के मुनाफे में तीन गुना इजाफा हुआ.
क्योंकि कोलकाता में दवाओं का खुदरा विक्रेता रह चुका यह शख्स आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी को चला रहा है.
क्योंकि करीब 17 अरब डॉलर की कुल संपत्ति वाला यह दूसरा सबसे अमीर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी है. इन्हें “मेक इन इंडिया” अभियान में आमंत्रित किया गया था और अक्सर वे प्रधानमंत्री के विदेश दौरों में उनके साथ देखे जाते हैं.
जीवनरक्षक सौदा इज्राएली फर्म टेकियॉन के साथ अप्रैल 2015 में गठजोड़, कैंसर रोधी दवाएं बनाने की योजना है जो नोबल विजेता आरोन सीशानोवर के शोध पर आधारित.
जीवन संगिनी के सरोकार उनकी पत्नी विभा सांघवी गृहिणी हैं. वे चमक-दमक से दूर रहती हैं लेकिन धर्मार्थ कार्यों में उनके साथ दिखती हैं. दोनों को अक्सर मुंबई में माटुंगा के मैसूर कैफे और मद्रास कैफे में देखा जा सकता है. इनके दो बच्चे हैं आलोक और विधि.