देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) उम्मीदवारों के चयन के लिए फिर से एकल प्रवेश परीक्षा की पुरानी व्यवस्था की ओर लौटने का विचार कर रहे हैं क्योंकि दो स्तरीय फॉर्मेट बोझिल और समय लेने वाला साबित हुआ है. जी अपेक्स बोर्ड ने बीते रविवार को अपनी बैठक में इस प्रस्ताव को आईआईटी सीनेट में रखने से पहले इस पर विचार के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया.
सूत्रों के अनुसार इस फैसले के पीछे काउंसलिंग भी एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है. नए फैसले से अब ज्यादा से ज्यादा काउंसलिंग राउंड पूरे किए जा सकेंगे. वहीं, टू-टायर एंट्रेंस टेस्ट के कारण रिसोर्स भी ज्यादा खपत हो रहे हैं.
आपको बता दें कि टू-टायर फॉर्मेट एंट्रेंस टेस्ट 2012 के तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल की ओर से लागू किया गया था. इस सिस्टम के अनुसार देश के सारे IIT, NIT जैसे टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में दाखिले के लिए एक ही टेस्ट होता है.
टू-टायर फॉर्मेट में पहले चरण में जेईई मेन और दूसरे चरण में जेईई एडवांस की परीक्षा होती है. जेईई एडवांस परीक्षा पास करने वाले को आईआईटी में एडमिशन मिलता है. वहीं, जेईई मेन NIT में एडमिशन लेने का जरिया है. अब नए फॉर्मेट के मुताबिक स्टूडेंट को IIT में दाखिला के लिए एक ही टेस्ट देना होगा.