मानव संसाधन विकास मंत्रालय चाहता है कि उच्चतर शिक्षा के भारतीय संस्थानों की घरेलू रैंकिंग स्टूडेंट्स और माता-पिता के लिए अगले साल अप्रैल तक उपलब्ध करा दी जाए.
राष्ट्रीय संस्थानों के स्थान-क्रम के निर्धारण की व्यवस्था (NIRF) का हवाला देते हुए मंत्रालय में उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव वी एस ओबेराय ने बताया कि करीब 2,800 संस्थान इसमें जुड़ चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि अगले साल अप्रैल में पहले सोमवार तक स्टूडेंट्स और माता-पिता को रैंकिंग प्राप्त हो जाएगी.'
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि घरेलू रैकिंग व्यवस्था शुरू होने से संस्थानों के बीच स्तर सुधारने को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत में भाषाई विविधता है लेकिन वैश्विक ढांचा अक्सर इस पर विचार नहीं करता.
ऑल इंडिया मैनेजमेंट ऐसोसिएशन (AIMA) की ओर से आयोजित एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं होगा कि सरकारी संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में आने की आकांक्षा नहीं रखनी चाहिए. ओबराय ने यह भी सुझाव दिया कि उच्चतर शिक्षा के लिए ऋण और वित्तपोषण के लिहाज से स्टूडेंट्स की और मदद की जानी चाहिए.
इनपुट: भाषा